हवा के ज़रिये, एयरोसॉल ड्रॉप्स, माँ से बच्चे को और पशुओं से मनुष्य को संक्रमण के जोखिम का पता लगाया जा रहा
जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन विशेषज्ञों का एक समूह चीन के लिए रवाना होगा, ताकि वायरस के पशु-स्रोत का पता लगाया जा सके
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैलाव के तरीक़ों पर स्पष्टता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जल्द ही एक अपडेट जारी किया जाएगा, जिसमें हवा के ज़रिये वायरस के सम्भावित फैलाव के बारे में भी जानकारी शामिल होगी। महामारी विशेषज्ञ और कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई के लिए यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर मारिया वान कर्कहोव ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में यह बात कही।
संयुक्त राष्ट्र समाचार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में 200 से ज़्यादा वैज्ञानिकों ने एक खुले पत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोरोनावायरस के हवा के ज़रिये फैलाव पर अपनी सिफ़ारिशों में ज़रूरी बदलाव करने का आग्रह किया था।
डॉक्टर कर्कहोव ने कहा कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी वैज्ञानिक समुदाय के संवाद का स्वागत करती है। वैज्ञानिकों के समूह ने एजेंसी से इससे पहले एक अप्रैल को सम्पर्क किया था और उसके बाद से सक्रिय सम्पर्क रहा है।
“बहुत से हस्ताक्षरकर्ता इंजीनियर हैं, जो विशेषज्ञता का एक शानदार क्षेत्र है, जिससे वायु संचार की अहमियत के प्रति ज्ञान बढ़ता है जिसे हम भी बेहद अहम मानते हैं।”
ग़ौरतलब है कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी कोरोनावायरस के फैलाव के सम्भावित स्रोतों का निरन्तर अध्ययन कर रही है और इनमें हवा के ज़रिये, एयरोसॉल ड्रॉप्स (हवा में लटकी महीन बूँदें), माँ से बच्चे को और पशुओं से मनुष्य को संक्रमण के जोखिम की शिनाख़्त की जा रही है।
इस क्रम में यूएन एजेंसी एक वैज्ञानिक विवरण तैयार कर रही है जिसे जल्द जारी करके इस विषय पर बढ़ती जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा।
Media briefing on #COVID19 with @DrTedros https://t.co/VpsVJPDu6s
— World Health Organization (WHO) (@WHO) July 7, 2020
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हवा के ज़रिये, एयरोसॉल ड्रॉप्स, माँ से बच्चे को और पशुओं से मनुष्य को संक्रमण के जोखिम का पता लगाया जा रहा जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन विशेषज्ञों का एक समूह चीन के लिए रवाना होगा, ताकि वायरस के पशु-स्रोत का पता लगाया जा सकेविश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैलाव के तरीक़ों पर स्पष्टता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जल्द ही एक अपडेट जारी किया जाएगा, जिसमें हवा के ज़रिये वायरस के सम्भावित फैलाव के बारे में भी जानकारी शामिल होगी। महामारी विशेषज्ञ और कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई के लिए यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर मारिया वान कर्कहोव ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में यह बात कही।संयुक्त राष्ट्र समाचार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में 200 से ज़्यादा वैज्ञानिकों ने एक खुले पत्र में विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोरोनावायरस के हवा के ज़रिये फैलाव पर अपनी सिफ़ारिशों में ज़रूरी बदलाव करने का आग्रह किया था। डॉक्टर कर्कहोव ने कहा कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी वैज्ञानिक समुदाय के संवाद का स्वागत करती है। वैज्ञानिकों के समूह ने एजेंसी से इससे पहले एक अप्रैल को सम्पर्क किया था और उसके बाद से सक्रिय सम्पर्क रहा है।“बहुत से हस्ताक्षरकर्ता इंजीनियर हैं, जो विशेषज्ञता का एक शानदार क्षेत्र है, जिससे वायु संचार की अहमियत के प्रति ज्ञान बढ़ता है जिसे हम भी बेहद अहम मानते हैं।” ग़ौरतलब है कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी कोरोनावायरस के फैलाव के सम्भावित स्रोतों का निरन्तर अध्ययन कर रही है और इनमें हवा के ज़रिये, एयरोसॉल ड्रॉप्स (हवा में लटकी महीन बूँदें), माँ से बच्चे को और पशुओं से मनुष्य को संक्रमण के जोखिम की शिनाख़्त की जा रही है। इस क्रम में यूएन एजेंसी एक वैज्ञानिक विवरण तैयार कर रही है जिसे जल्द जारी करके इस विषय पर बढ़ती जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में प्रैस वार्ता के दौरान कहा कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या चार लाख से अधिक होने में दुनिया को 12 हफ़्तों का समय लगा था, लेकिन पिछले सप्ताह के अंत में ही विश्व में संक्रमण के चार लाख से ज़्यादा नए मामलों का पता चला। “कोविड-19 के संक्रमण के एक करोड़ 14 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और पाँच लाख 35 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।”यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने आगाह किया है कि महामारी के फैलने की रफ़्तार तेज़ हो रही है और आने वाले दिनों में भी संक्रमितों की संख्या बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में मृतकों का आँकड़ा कम करने में ठोस प्रगति हुई है, लेकिन अन्य देशों में लोगों की मौतों की संख्या बढ़ रही है।जिन देशों ने वृद्धजन देखभाल केंद्रों पर ख़ास ध्यान केन्द्रित करने के साथ-साथ लक्षित ढंग से निर्बल समूहों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए क़दम उठाए हैं, वहाँ लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने में सफलता मिली है।महानिदेशक ने कहा कि जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन विशेषज्ञों का एक समूह चीन के लिए रवाना होगा, ताकि वायरस के पशु-स्रोत का पता लगाया जा सके। इस सम्बन्ध में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के नेतृत्व में अन्तरराष्ट्रीय मिशन के गठन की भी तैयारी की जानी है।यूएन एजेंसी के महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि टेक्नॉलॉजी कम्पनियों के साथ मिलकर कोविड-19 से जुड़ी सटीक जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फ़ेसबुक और Praekelt.org के साथ हाथ मिलाने की घोषणा की है, जिसके तहत मोबाइल पर आसानी से प्राप्त होने वाली सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इसके ज़रिये 50 से ज़्यादा देशों में लोगों तक जीवनरक्षक स्वास्थ्य जानकारी निर्बल समुदायों तक पहुँचानी सम्भव होगी और इसके लिए उन्हें डेटा शुल्क का भुगतान भी नहीं करना होगा। फ़िलहाल इसे अंग्रेज़ी में शुरू किया गया है, लेकिन आने वाले दिनों में यह सेवा फ़्रेंच, स्पेनिश, अरबी और अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध कराई जाएगी।