- कांग्रेस उतरी सड़क पर भाजपा को घेरा
बेंगलुरु : बुधवार प्रातः केवल बीएस येदियुरप्पा को राजभवन में राज्यपाल वजूभाई वाला ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। येदियुरप्पा कर्नाटक के 25वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। यह तीसरी बार है जब येदियुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली है। उनके स्वागत के लिए राजभवन के बाहर ज़बरदस्त तैयारियां की गई। जगह-जगह ढोल-नगाड़े बज रहे थे। मंत्रिमंडल का शपथग्रहण विधानसभा में फ़्लोर टेस्ट के बाद होगा। वहीं इससे पहले कर्नाटक का नाटक सुप्रीम कोर्ट में रात भी चला था। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की शपथ को टालने की मांग मानने से इनकार करने के बाद कोर्ट ने फ़ैसले में कहा कि वो राज्यपाल को आदेश नहीं दे सकते और शपथ पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए मैं राज्य वासियों लोगों को बधाई देता हूं।उन्होंने कहा मुझे खेद है कि कांग्रेस और जेडीएस ने एक अपवित्र गठबंधन बनाया। उन्होंने कहा कि मैं सभी 224 विधायकों का समर्थन चाहता हूं। मुझे यकीन है कि वे अपने विवेक के अनुसार मतदान करेंगे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए मैं इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहता हूं। उन्होंने कहा मुझे विश्वास है कि विश्वास मत हासिल करूंगा और पांच साल सरकार चलाऊंगा।
वहीँ भाजपा की इस जीत से बौखलाई कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा के बाहर महात्मा गांधी की मूर्ति के आगे धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया, लोकसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे धरने में शामिल हैं। कांग्रेस ने कहा जिस तरह से आनन-फानन में येद्दयुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई है, यह सरासर संविधान की हत्या है।
कांग्रेस का अारोप है कि कुमारस्वामी ने कांग्रेस विधायकों के समर्थन से 222 सदस्यों की विधानसभा मे 116 विधायकों का समर्थन पेश किया था, इसके बावजूद राज्यपाल ने उन्हें सरकार गठन के लिए न्योता नहीं दिया। उन्होंने कहा कि 104 विधायकों वाली भाजपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दे दिया। इस बाबत कांग्रेस ने गोवा के मामले का उदाहरण दिया।
कांग्रेस ने बीएस येद्दयुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिए जाने पर भी आपत्ति जताई और सवाल उठाए। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्दरमैया ने कहा, सरकार बनाने का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। हम लोगों के पास जाएंगे और उन्हें बताएंगे कि भाजपा ने कैसे संविधान के खिलाफ काम किया है।
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि बहुमत न होने के बाद भी भाजपा की सरकार बनना संविधान का मजाक उड़ाना है। आज सुबह जब भाजपा अपनी खोखली जीत का जश्न मना रही होगी तो भारत लोकतंत्र की हार का शोक मनाएगा।