नई दिल्ली। सिंधु जल विवाद पर वर्ल्ड बैंक ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ल्ड बैंक ने भारत और पाकिस्तान से सिंधु नदी जल समझौता विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए कहा है जिससे कि दीर्घकाल में दोनों देशों के हितों की रक्षा की जा सके। विश्व बैंक ने द्विपक्षीय मुद्दे को बातचीत से सुलझाने के लिए जनवरी के अंत तक का समय दिया है।
सिंधु जल विवाद पर वर्ल्ड बैंक रखे है नजर
सिंधु जल विवाद पर वर्ल्ड बैंक के सामने पाकिस्तान ने गुहार लगाई है। पाकिस्तान ने कहा था कि भारत को सिंधु नदी का पानी बंद करने से रोका जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ हफ्ते पहले ये चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान ने अपनी जमीन से आतंकवादी गतिविधियों को नहीं रोका तो भारत दोनों देशों के बीच सिंधु नदी जल समझौते पर पुनर्विचार करेगा।
सिंधु नदी जल समझौते को बचाना है मकसद
विश्व बैंक के ग्रुप प्रेसिडेंट जिम योंग किम ने एक बयान में कहा- ‘हम इस विराम की घोषणा इसलिए कर रहे हैं ताकि सिंधु नदी जल समझौते को बचाया जा सके और भारत-पाकिस्तान संधि के विरोधाभासी हितों को सुलझाने के लिए वैकल्पिक रास्तों पर विचार कर सकें और कैसे दो हाइड्रोइलैक्ट्रिक ऊर्जा संयत्रों को लेकर उन्हें अमल में लाया जा सके। किम ने कहा, “ये दोनों देशों के लिए अवसर है कि वे आपसी रजामंदी से इस मुद्दे को सुलझाएं जो कि संधि की भावना के अनुरूप हो. मैं उम्मीद करता हूं दोनों देश जनवरी के अंत तक किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे।
सिंधु जल विवाद को लेकर सकते में पाकिस्तान
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने विश्व बैंक से इस तरह की चिट्ठी मिलने की पुष्टि की है। वित्त मंत्रालय ने सिंधु नदी जल पर पाकिस्तान के कमिश्नर मिर्जा आसिफ बेग को भारत के साथ दो बांधों का मुद्दा उठाने के लिए कहा है।
चिनाब नदी पर हो रहे निर्माण को रोका जाए : पाक
इससे पूर्व में पाकिस्तान ने विश्व बैंक से आग्रह किया था कि भारत को झेलम और चिनाब पर निर्माण करने से रोका जाए। इसके एक दिन पहले ही भारत ने सिंधु जल नदी समझौते के तहत दोनों पश्चिमी नदियों के पानी पर अपने वैधानिक हक का पूरा इस्तेमाल करने का ऐलान किया था।