देवभूमी मीडिया ब्यूरो – उत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। अगले हफ्ते अध्यादेश का ड्राफ्ट विधायी विभाग को भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद राज्य में महिला क्षैतिज आरक्षण का कानून बन जाएगा।
नैनीताल उच्च न्यायालय की महिला क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश पर रोक लगाने के बाद सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया। क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिए पिछले दिनों प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश लाने पर सहमति बनी थी।
प्रदेश सरकार की नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाल कराने के लिए भी शासन स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। सचिव कार्मिक एवं सतर्कता शैलेश बगौली के मुताबिक, इस संबंध में न्याय विभाग से विचार-विमर्श चल रहा है। क्षैतिज आरक्षण के समर्थन में ठोस विधिक आधार तैयार करने के बाद प्रस्ताव न्याय विभाग को भेजा जाएगा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह ने राजभवन में कई वर्षों से लंबित राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण विधेयक को लौटा दिया। इस विधेयक के लौटने के बाद सरकार से क्षैतिज आरक्षण के लिए तात्कालिक तौर पर अध्यादेश या विधेयक लाने की मांग की गई।