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महिलाएं पेशाब पर नियंत्रण खोने की समस्या से बिना सर्जरी के पा सकती हैं निजात : डा. प्रीति जिंदल

-टच क्लीनिक मोहाली की निदेशक डॉ. प्रीति जिंदल ने कहा 

– 50 प्रतिशत महिलाएं एक उम्र के बाद इस बीमारी का शिकार 

– योनी के ढीलेपन की समस्या का है अब इलाज़

-अब एचआईएफईएम विधि से संभव है यह इलाज 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । पेशाब पर नियंत्रण खो देने की बीमारी और योनी के ढीलेपन की समस्या से पीड़ित महिलाएं अब बिना आप्रेशन के इन बीमारियों का इलाज करवा सकती हैं। प्रसिद्ध महिला रोग विशेषज्ञ एवं आईवीएफ विशेषज्ञ और टच क्लिनिक मोहाली की निदेशक डॉ. प्रीति जिंदल ने देहरादून में एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि 50 प्रतिशत महिलाएं एक खास उम्र के बाद पेशाब पर नियंत्रण खोने तथा योनी के ढीलेपन की बीमारी का शिकार हो जाती हैं। 

उन्होंने कहा कि आम तौर पर यह देखने में आया है कि महिलाओं को पेशाब की बीमारी के अलावा योनी विशेषकर योनी के तंतुओं के ढीलेपन की समस्या आ जाती है, जिस कारण वह वैवाहिक जीवन का आनंद भी नहीं ले सकती तथा वह परेशान रहती हैं। डा. जिंदल ने बताया कि ऐसा अकसर बच्चे पैदा करने तथा उम्र के लिहाज से हारमोन में तब्दीली के कारण होता है तथा भार का बढना-घटना भी इसका एक कारण है।

उन्होंने कहा कि योनी के ढीले पड़ जाने के कारण महिलाओं में संभोग की इच्छा भी घट जाती है। उन्होंने कहा कि अब इन सभी बीमारियों का इलाज एक इलैक्ट्रोमैगनेटिक तकनीक (हाईफेम) द्वारा संभव है तथा इसके लिए किसी किस्म के आप्रेशन या चीरफाड़ की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हाईली फोक्सड इलैक्ट्रोमैगनेटिक टेक्नोलॉजी (एमसैला) टच क्लीनिक मोहाली में शुरू हो चुकी है तथा यह इस टैक्नोलॉजी द्वारा इलाज करने वाला देश का पहला अस्पताल है।

डा. प्रीती जिंदल ने बताया कि इस विधि द्वारा इलाज बहुत ही आसान है। मरीज ने सिर्फ आधा घंटा एक आरामदायक कुर्सी पर बैठना है तथा इलैक्ट्रोमैगनेटिक विधि द्वारा बिना किसी तकलीफ के यह इलाज किया जाता है।

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