TEMPLES
आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की भी शुरू हुई प्रक्रिया
गुरुवार को हुए केदारेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
गुप्त मंत्रों से होंगीं बदरीनाथ की पूजाएं
ग्रीष्मकाल में छह माह तक वेद ऋचाओं से गुंजायमान रहने वाले बदरीनाथ धाम में आज से वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया है। अब यहां दो दिनों तक गुप्त मंत्रों से भगवान बदरीनाथ और अन्य देवी-देवताओं का अभिषेक व पूजा-अर्चना होगी। 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।शुक्रवार सुबह पांच बजे बदरीनाथ की अभिषेक और महाअभिषेक पूजा के बाद वेदपाठियों ने वेद पुस्तक, खड़ग पुस्तक, विष्णु सहस्रनाम और भागवत पुराण की पुस्तकें श्री बदरीनाथ धाम के गर्भगृह में स्थापित कीं। इसी के साथ यहां वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया है। गर्भगृह में स्थापित अब ये धार्मिक पुस्तकें आगामी वर्ष बदरीनाथ के कपाट खुलने पर ही मंदिर के सभा मंडप में लाई जाएंगी। आगामी 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने तक बदरीनाथ की पूजाएं गुप्त मंत्रों से होंगी। शनिवार को बदरीनाथ के कपाट बंद होने के तहत बदरीनाथ मंदिर परिक्रमा मंडप में स्थित लक्ष्मी मंदिर में कड़ाई भोग का आयोजन होगा।