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शीतकालीन सत्रः सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष, उठा कृषि मंडी का मामला

उत्तराखंड के सेब को लेकर सरकार की उदासीनता को लेकर तमाम सवालों पर कृषि मंत्री फंसे 

सुबोध उनियाल के ‘नेता जी’ और ‘गांधी’ पर कटाक्ष पर सदन में हंगामा
कार्यवाही से हटानी पड़ी टिप्पणी

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में नेताजी और गांधी जी के नाम को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश व कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह की तारीफ करते-करते नेता जी और गांधी पर कटाक्ष कर गए। इस पर कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया।

हालांकि बाद में सुबोध उनियाल ने कहा कि उनका कटाक्ष राहुल गांधी और हरीश रावत को लेकर था जिसे कांग्रेस ने जानबूझकर महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जोड़ दिया। शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कार्यवाही के दौरान कृषि और उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि इंदिरा हृदयेश और प्रीतम अच्छे हो सकते हैं, लेकिन नेताजी और गांधीजी प्रीतम और इंदिरा जैसे नहीं हो सकते। इस बयान के बाद कांग्रेस ने सदन में जमकर हंगामा काटा।

कांग्रेस ने कहा कि महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम अपमानजनक तरीके से नहीं लिए जा सकते। सुबोध उनियाल ने बात संभालने की कोशिश भी की लेकिन कांग्रेस ने हंगामा जारी रखा। कांग्रेस के विरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही से यह पूरा प्रकरण ही हटाने के निर्देश दिए। सदन में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने विधानसभा अध्यक्ष का धन्यवाद किया और कहा कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का बयान सदन की गरिमा के खिलाफ था अध्यक्ष जी ने उसे हटवाकर सही किया।

बाद में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नेताजी से उनका आशय हरीश रावत और गांधी से आशय राहुल गांधी से था लेकिन कांग्रेस ने जानबूझकर इस पर हंगामा खड़ा कर दिया।

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस लगातार सत्ता पक्ष को घेरने में लगी हुई है। कांगे्रस के कई सवालों ने बीजेपी को असहज किया है। वहीं सत्र के दौरान शुक्रवार को भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने कृषि मंडी का मामला उठाया। साथ ही उन्होंने कृषि मंत्री से भीमताल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उपज भंडारण के लिए कलेक्शन सेंटर बनाने की मांग की।
सदन में निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने धनोल्टी में मौजूद 800 एकड़ कृषि भूमि के आलू फार्म के बंजर होने का सवाल उठाया। जिस पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा आलू की पैदावार कीड़े लगने की वजह से कम हो रही है। 2017 से 6.40 हेक्टयर भूमि पर आलू के बीज लगाया गया है। इस दौरान कृषि मंत्री सुबोध उनियाल धनोल्टी विधायक प्रीतम पंवार के सवालों में फंसते नजर आए। इसके बाद विधायक प्रीतम पंवार ने सदन में किसान सम्मान निधि का मामला उठाया।

उन्होंने कृषि मंत्री से पूछा कि अब तक किसान सम्मान निधि के तहत कितनी किस्तें गयी हैं। उत्तराखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही कृषि मंत्री पर ताबड़तोड़ सवालों के साथ शुरू हुई। इस दौरान कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से किसान सम्मान निधि, उत्तराखंड मार्केट के साथ-साथ आलू की उपज को लेकर भी सवाल पूछे गए। सदन के तीसरे दिन सवालों का जवाब देने के लिए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल खड़े थे।

इस दौरान विपक्ष ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को तमाम मुद्दों पर घेरा। कांग्रेस विधायक करण माहरा ने प्रदेश में जड़ी बूटियों की अपार संभावनाएं होने के बावजूद भी एक प्राइवेट संस्थान द्वारा पूरे प्रदेश से जड़ी-बूटी के क्षेत्र में मुनाफा कमाने पर सवाल उठाया तो विधायक प्रीतम पंवार ने धनोल्टी में 800 हेक्टेयर के आलू फॉर्म और एरोमेटिक खेती को लेकर सवाल किया। इसके अलावा केंद्र द्वारा चलाई जा रही किसान सम्मान निधि पर अब तक कितने किसानों को लाभ पहुंचाया गया है, इन तमाम विषयों पर कृषि मंत्री से सवाल पूछा गया।

सदन में सबसे ज्यादा बहस सबसे महत्वपूर्ण विषय उत्तराखंड ब्रांड के सेबों को लेकर हुई। कृषि मंत्री से पूछा गया कि प्रदेश में सेब की पैदावार को लेकर सरकार क्या कर रही है। सदन में निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने जब यह विषय उठाया गया तो इस विषय को प्रीतम सिंह ने भी आगे बढ़ाया. आखिर में विकासनगर से भाजपा के ही वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चैहान ने भी कृषि मंत्री से सवाल किया।

उत्तराखंड के सेब को लेकर सरकार की उदासीनता को लेकर तमाम सवालों पर कृषि मंत्री फंसते नजर आए। उन्होंने खुद स्वीकार किया कि उत्तराखंड ब्रांड की पेटियां उपलब्ध कराने में सरकार को 15 से 20 दिन की देरी हुई। जिस पर सवाल उठा कि 15 से 20 दिन तक तो सारा सेब सड़ चुका होगा। हालांकि, कृषि मंत्री ने बीते सालों से लगाए जा रहे उत्तराखंड के बेहतर मार्केट को और अधिक प्रचार प्रसार दिए जाने की बात को लेकर आंकड़े सदन में रखे।

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