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ये कौन कर रहा है उत्तराखंड सरकार को बदनाम करने की साज़िश

समाजसेवी डॉ. देवेश्वर भट्ट ने खुलासा किया कि गुजरात से लोगों को उत्तराखंड लाने में हुआ खर्चा उत्तराखंड सरकार ने उठाया है

सोशल मीडिया और तमाम माध्यमों पर अफवाह उड़ाई जा रही थी कि उत्तराखंड सरकार ने नहीं ब्लकि डॉ. भट्ट ने बुक कराए प्रवासियों के टिकट

डॉ. भट्ट ने कहा, अफवाहें उड़ाकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश न करें 

अफवाहों को उड़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है देहरादून से प्रसारित होने वाला पोर्टल

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। कोरोना संक्रमण की आपात स्थिति में सरकार ने राज्य में रह रहे लोगों और प्रवासियों के लिए बढ़ चढ़कर कार्य किया। लॉकडाउन में देशभर में फंसे उत्तराखंड के निवासियों को घरों तक पहुंचाने में करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। इसके बाद अफवाहें उड़ाकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। 
एक बार फिर ये लोग बुरी तरह मात खा गए, जब समाजसेवी डॉ. देवेश्वर भट्ट ने खुलासा किया कि गुजरात से लोगों को उत्तराखंड लाने में हुआ खर्चा उत्तराखंड सरकार ने उठाया है। डॉ. भट्ट ने साफ शब्दों में कहा कि मेरे बारे में अफवाह मत उड़ाओ, इससे मेरी छवि खराब हो रही है।
देशभर से उत्तराखंड में प्रवासियों को लाने के लिए सबसे पहले यह अफवाह उड़ाई गई कि लोगों को किराया स्वयं देना पड़ रहा है। इससे भी काम नहीं चला तो सोशल मीडिया से लेकर विभिन्न माध्यमों पर कहा जाने लगा कि गुजरात से ट्रेन से उत्तराखंड आने वाले 1200 लोगों के टिकट गुजरात में रहने वाले उत्तराखंड प्रवासी डॉ. देवेश्वर भट्ट ने कराए और भट्ट ने गुजरात सरकार और रेलवे तक संपर्क करके गुजरात से उत्तराखंड तक के लिए ट्रेन चलवाई। सरकार की छवि को धूमिल करने वाली इन अफवाहों को उड़ाने में देहरादून से प्रसारित होने वाले एक विवादित और चर्चित न्यूज पोर्टल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस तरह की खबरों और सूचनाओं के माध्यम से यह बात फैलाने की कोशिश की गई कि गुजरात से लोगों को लाने में उत्तराखंड सरकार का कोई योगदान नहीं है। क्या कहीं ऐसा हो सकता है कि केंद्र सरकार किसी राज्य सरकार की बात को टालकर किसी व्यक्ति के आग्रह पर ट्रेन चलाने की व्यवस्था कर दे।
मालूम होगा कि जिन दिन केंद्र  सरकार ने श्रमिक स्पेशल चलाने की घोषणा की थी, उसी दिन मुख्यमंत्री ने रेल मंंत्री पीयूष गोयल से फोन पर वार्ता करके राज्य के लिए 12 स्पेशल ट्रेनों के संचालन का अनुरोध किया था। तब से लेकर लगातार राज्य सरकार केंद्र के साथ समन्वय बनाकर ट्रेनों के संचाालन पर कार्य कर रही है। वहीं राज्य ने दो बार में रेलवे के खाते में टिकटों के एवज में एक करोड़ रुपये भी जमा करा दिए। 
वहीं राज्य सरकार के खिलाफ उड़ाई जा रही अफवाहों का खुलासा स्वयं डॉ. भट्ट ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से किया। उनका कहना है कि गुजरात से  इन प्रवासियों कोउत्तराखंड भेजने में मैंने कोई खर्चा नहीं किया, जो भी खर्चा हुआ है, उत्तराखंड सरकार ने वहन किया। कहते हैं कि हमने केवल मैनेजमेंट किया। हमें इस बात की बड़ी खुशी हुई है कि सभी लोग उत्तराखंड पहुंच गए हैं। डॉ. भट्ट ने कहा कि अफवाहें न उड़ाएं, इससे मेरी भी छवि खराब हो रही है। हम भविष्य में भी इस तरह के कार्य करते रहेंगे। हम जरूरत पड़ने पर आपके साथ हैं। 

devbhoomimedia

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