अधिकारी हुए हक्के-बक्के जब मुख्यमंत्री ने उनसे ही मांगे सवालों के जवाब
- आई.ए.एस. वीक के मुख्यमंत्री ने किया शुभारम्भ…….
- स्वच्छ व भ्रष्ट्राचार मुक्त छवि बनाने में अधिकारियों का महत्वपूर्ण भूमिका : त्रिवेन्द्र
- दूसरे राज्यों के सफल प्रयोगों पर इस राज्य में करें विचार : उत्त्पल कुमार सिंह
देहरादून : जनता की हिम्मत तो अधिकारियों से सवाल पूछने की नहीं होती लेकिन गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने जनता के सवालों को जब खुद ही सूबे के आला अधिकारियों से पूछ डाले तो अधिकारी हक्के-बक्के रह गए। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि आपकी दृष्टि में, जीरो बजट की कौन सी कल्याणकारी जन योजनाएं चलाई जा सकती है? चकबंदी को कैसे प्रोत्साहित किया जाय? किसान की मदद के लिये आपका क्या विजन है? स्कूली शिक्षा का स्तर कैसे सुधारा जाय? पहाड़ों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये क्या कदम जरूरी है? मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का आम जनता के हित में अच्छे से अच्छा उपयोग कैसे होना चाहिए? स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे मजबूत किया जाय? यह प्रश्न मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य के आईएएस अधिकारियों से पूछे।
मौका था गुरूवार को सचिवालय में आयोजित आईएएस वीक के शुभारम्भ सत्र का जहां मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्य के मुख्य सचिव से लेकर प्रोबेशनर आईएएस अधिकारी तक से सीधे वार्ता की। उन्होंने अपने विजन को, सरकार की प्राथमिकताओं को साझा किया।
- आईएएस अधिकारियों को खुलकर फीडबैक देने के लिए किया प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और लिये गये निर्णयों पर आईएएस अधिकारियों को खुलकर फीडबैक देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होने नदियों के पुनर्जीवीकरण के राज्य सरकार के संकल्प पर आईएएस अधिकारियों के विचारों को जाना। उन्होंने हाल ही में आईएएस अफसरों के स्कूल भ्रमण पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए उनका फीडबैक लिया।
गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी की उपस्थिति मात्र 45 मिनट ही निर्धारित थी, परन्तु उन्होंने राज्य के विकास और भावी विजन पर आईएएस अफसरों से चर्चा हेतु तीन घण्टे से भी अधिक समय व्यतीत किया।
- अधिकारी ही सरकार का चेहरा : मुख्यमंत्री
उन्होंने आईएएस अधिकारियों को टीम उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण भाग बताते हुए उनको सम्बोधित किया। उन्होंने राज्य के सभी आईएएस अधिकारियों से कहा कि अधिकारी ही सरकार का चेहरा है। सरकार की स्वच्छ व भ्रष्ट्राचार मुक्त छवि बनाने में अधिकारियों का महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार और अधिकारी एक टीम है। उचित तालमेल द्वारा राज्य का विकास करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। आज सरकार की छवि बेहतर परफोर्म करने की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे प्रशासनिक क्षेत्र में नए प्रयोग करते रहे। सिर्फ कार्य करने की प्रेरणा स्वच्छ व सर्वहित की होनी चाहिए, सरकार जनहित हेतु अधिकारियों को पूरी तरह से सहयोग करेगी। सरकार प्रशासनिक निर्णयों व कार्यों में बार-बार अनावश्यक हस्तक्षेप नही करती है।
- नौजवान अधिकारियों से राज्य को और भी अधिक उम्मीदें
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवान अधिकारियों से राज्य को और भी अधिक उम्मीदे है। नई पीढ़ी के नौजवान अधिकारियों में जोखिम उठाने की क्षमता अधिक है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सभी अधिकारियों के अपनी बेस्ट पै्रक्टिसेज को साझा करना चाहिये। प्रशासनिक अनुभवों को साझा करने से क्षमता विकास व राज्य विकास को गति मिलेगी। सरकार राज्य व सामान्य व्यक्ति के हित में कार्य कर रही है इसका संदेश अधिकारी ही दे सकते है। सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में आईएएस अधिकारियों का स्कूली छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को प्रेरणा देना तथा उनकी समस्याओं को जानना था। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अधिकारियों को जनता से अधिक से अधिक निरन्तर संवाद बनाना चाहिए।
- सरकार का उद्देश्य 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करना
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार का उद्देश्य 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करना और सभी बेघरों को आवास उपलब्ध करवाना है। आवास उपलब्ध करवानें हेतु पात्र व्यक्तियों तथा भूमि का चिन्हीकरण कर दिया गया है। मातृ-शिशु दर में सुधार करना है। पौड़ी, पिथौरागढ़ तथा अल्मोड़ा जैसे कुछ जिलों में लिंगानुपात में भी सुधार की भी आवश्यकता है। सभी गांवों को सड़कों से जोड़ना है। 5 लाख युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की टेªनिंग देनी है। 2019 तक प्रत्येक घर में बिजली पहुंचानी है। 2019 तक ही साक्षरता दर को 100 प्रतिशत करना है। उक्त सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करना सबका सामूहिक उत्तरदायित्व है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव वित्त श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रस्तुतिकरण किया। सचिव कृषि डी0सेंथिल पाण्डियन ने किसानों की आय दोगुना करने की कार्ययोजना पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव डा. रणवीर सिंह, ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, श्रीमती मनीषा पंवार सहित राज्य के सभी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उपस्थित थे।
- जब मुख्यमंत्री ने स्कूल भ्रमण के अनुभवों की ली जानकारी
वहीँ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ (उत्तराखण्ड काडर) के सम्मेलन में आईएएस अधिकारियों से हाल ही में उनके स्कूल भ्रमण के अनुभवों की जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री ने पूछा कि छात्र-छात्राओं से औपचारिक बातचीत के अतिरिक्त क्या अधिकारियों ने छात्रों से व्यक्तिगत बातचीत कर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया ? उन्हें छात्रों की क्या-क्या समस्याएं पता चली तथा सरकार उन्हें कैसे दूर कर सकती है।
- सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने के इच्छुक लोगों का हो डाटा बैंक
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में एक ऐसा डाटा बैंक तैयार करना होगा जिसमें विभिन्न विभागों सेवानिवृत अधिकारी, कार्मिक, वालेन्टीयर्स, वर्तमान अधिकारी, ऐसे लोगों की जानकारी हो जो सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने के इच्छुक हों, जो अपना कुछ समय विद्यालयों बिताना चाहे। इसके साथ उन्होंने अवकाश के दिनों में अध्यापकों के लिए विभिन्न विषय विशेषज्ञों और मोटिवेशनल स्पीकर्स द्वारा विशेष कार्यशाला भी आयोजित करने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वप्रेरित अध्यापक की कार्यक्षमता में गुणात्मक वृद्धि होती है। मोटिवेटेड टीचर्स से विद्यार्थियों को बहुत लाभ होता है।
- शिक्षा क्षेत्र में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाये जाने की आवश्यकता:राधा रतूड़ी
प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार हेतु सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य में पर्यटन व बागवानी की अपार संभावनाओं को देखते हुए पाठयक्रम में पर्यटन, हाॅर्टीकल्चर आदि को शामिल करना आवश्यक है। परम्परागत सरकारी नौकरियों से हटकर छात्रों को कृषि व अन्य स्टार्ट अप के लिये प्रोत्साहित किया जाना भी आवश्यक है। सभी स्कूलों में 11वी व 12वी कक्षा के छात्र-छात्राओं को बेसिक कम्प्यूटर टेªनिंग तथा इंलिश स्पीकिंग के कोर्स अनिवार्य रूप से करवाने होंगे। विद्यालयों में कैरियर काउंसलिंग की भी व्यवस्था जरूरी है ताकि छात्र-छात्राएं 12वी कक्षा के बाद जिस क्षेत्र में जाना चाहते है उसका उचित मार्गदर्शन उन्हें समय से मिल जाय।
- शिक्षकों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन छात्रों के परिणामों के आधार पर : डा. भूपिन्दर कौर
सचिव डा. भूपिन्दर कौर औलख ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में फोकस मात्र सुविधाओं के विकास से हटाकर विद्यार्थियों के विकास व क्षमता विकास पर करना होगा। शिक्षकों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन छात्रों के परिणामों के आधार पर किया जाना चाहिये।
सचिव अमित नेगी ने सुझाव दिया कि दूरस्थ क्षेत्रों में खुलने वाले सरकारी स्कूलों के साथ ही वहां प्राइवेट स्कूलों को भी प्रोत्साहित करना चाहिये जिससे एक बड़े लक्षित वर्ग तक शिक्षा समान रूप में पहुंचाई जा सके।
- विद्यालयों में ई-लर्निंग, वीडियों लर्निंग, डिजिटल लर्निग को मिले बढावा : सौजन्या
सचिव श्रीमती सौजन्या ने सुझाव दिया कि रमसा के अन्तर्गत मिलने वाली राशि का प्रयोग विद्यालयों में ई-लर्निंग, वीडियों लर्निंग, डिजिटल लर्निग को बढावा देने में किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर डा. नीरज खैरवाल ने जिलें में निम्न आय वर्ग के परिवारों के बालिकाओं की विद्यालयों में कम हाजिरी के बारे में बताया। उन्होंने शिक्षक-अभिभावक बैठक व पारस्परिक चर्चाओं का सुझाव दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि प्राइवेट संस्थाएं जो सरकारी स्कूलों को गोद लेना चाहते है तथा वहां मानव संसाधन व अन्य सुविधाओं का विकास करना चाहते है उनके प्रति उदारता की नीति अपनानी होगी तथा प्रशासन को उनका सहयोग करना होगा। सीएसआर व पीपीपी आधार पर भी शिक्षा गुणवता में सुधार किया जा सकता है।
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ सी.रविशंकर ने बताया कि सरकार की स्मार्ट क्लासेस का प्रयोग पिथौरागढ़ के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में काफी सफल सिद्ध हो रहा है। हमें मजबूत डिजिटल नेटवर्क के माध्यम से ई-लर्निंग व डिजिटल लर्निंग को दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचाना होगा।
- अच्छे व प्रेरणादायक शिक्षकों की सहायता से भी शिक्षा की गुणवता में होगा बहुत सुधार : मंगेश घिल्डियाल
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मात्र अवसंरचना सुविधाओं जैसे फर्नीचर व अन्य सुविधाओं के विकास पर ही ध्यान नही देना होगा बल्कि अच्छे व प्रेरणादायक शिक्षकों की सहायता से भी शिक्षा की गुणवता में बहुत सुधार किया जा सकता है। वीडियों शेयरिंग, डिजिटल लर्निंग को प्रोत्साहित करना होगा।
प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी नरेन्द्र भण्डारी ने सुझाव दिया कि ई-लर्निंग, वीडियों व डिजिटल लर्निंग का पूरा लाभ सभी वर्गो के छात्रों तक पहुंचे, इसके लिए इण्टरनेट पर उपलब्ध ई-क्लासेस के वीडियों को कुमाऊंनी, गढ़वाली व अन्य स्थानीय बोलियों में डब करवाकर विद्यालयों में दिखाया जाना चाहिये।
जिलाधिकारी देहरादून ने सुझाव दिया कि दसवीं व बारहवीं कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना होगा, साथ ही अनुत्तीर्ण स्कूली छात्रों के भविष्य व शिक्षा के बारे में विचार किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव डॉ.रणवीर सिंह, ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, श्रीमती मनीषा पंवार सहित सभी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उपस्थित थे।
- खुले दिमाग से नये विचारों को अपनाएं : उत्पल कुमार
वहीँ आईएएस वीक के अंतर्गत प्रशासनिक अधिकारी सम्मेलन का समापन के अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अपने क्लोजिंग रिमार्क में इस बात पर खुशी जाहिर की कि फील्ड में और शासन में तैनात आईएएस अधिकारी अभिनव प्रयोग करते हैं। नई तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इससे सर्विस डिलेवरी में तत्परता आती है। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान किया कि खुले दिमाग से नये विचारों को अपनाएं। दूसरे राज्यों के सफल प्रयोगों पर विचार करें। इनके जरिये आमजन की बेहतरी कैसे की जा सकती है।
श्री सिंह ने स्वास्थ्य, शिक्षा, वानिकी, कृषि और पर्यटन क्षेत्र में नये लक्ष्य तय करके अभियान चलाने के लिए कहा। जिलों में और विभागीय स्तर पर मॉनिटरिंग सिस्टम को और मजबूत करें। यह भी तय करके अभियान चलाने के लिए कहा। यह भी तय करें कि 2020 तक उत्तराखंड भी रैंकिंग देश में सर्वोच्च हो। रैंकिंग सिस्टम हमें राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर भी लागू करना होगा।
दिन भर चले सम्मेलन में प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी और सचिव श्री अमित नेगी ने राज्य की वित्तीय स्थिति और नियोजन पर चर्चा की। सचिव श्रीमती भूपिंदर कौर औलख ने उत्तराखंड के शिक्षा क्षेत्र का प्रस्तुतीकरण किया।
अलग-अलग सत्र में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण किया। योजनाओं के क्रियान्वयन में फील्ड लेवेल पर होने वाली समस्याओं के बारे में बताया। सम्बंधित सचिव द्वारा इनका समाधान किया गया। सम्मेलन में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, अपर सचिव, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी उपस्थित थे।