एक एकड़ जमीन में दो करोड़ की लागत से होगा निर्माण
देहरादून : देश रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने वाले उत्तराखंड के अमर शहीदों की याद में आखिरकार वॉर मेमोरियल का सपना अब साकार होने जा रहा है। बुधवार को देहरादून में स्टेट वॉर मेमोरियल का निर्माण शुरू हो गया। गढ़ी कैंट स्थित चीड़बाग में वैदिक मंत्रों के बीच पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय और उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय के जीओसी इन सी मेजर जनरल बलराज मेहता ने निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
वॉर मेमोरियल के लिए पहल करने वाले राज्यसभा के पूर्व सांसद तरुण विजय ने कहा कि अमर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि देने का यह पहला कदम है। उत्तराखंड न सिर्फ देवभूमि, बल्कि वीर भूमि भी है। वीरता एवं पराक्रम का यह तीर्थ स्थल चार दशक की साधना का परिणाम है। वॉर मेमोरियल निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर परिकर का आभार जताते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि वॉर मेमोरियल को देश का सर्वश्रेष्ठ शौर्य स्थल बनाया जाएगा। यह न सिर्फ अमर शहीदों की याद दिलाएगा, बल्कि देवभूमि आने वाले पर्यटकों को यह संदेश भी देगा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है।
सब एरिया कमांडर मेजर जनरल बलराज मेहता ने कहा कि वॉर मेमोरियल का निर्माण अमर शहीदों को श्रद्धांजलि है। यह सेना के साथ-साथ उन अमर शहीदों के परिजनों के लिए भी गर्व का दिन है, जिन्होेंने देश की रक्षा में अपनी जान की बाजी लगा दी। कैंट बोर्ड के सीईओ जाकिर हुसैन ने कहा कि उनका प्रयास होगा कि वॉर मेमोरियल का निर्माण जल्द से जल्द पूरा हो।
स्टेट वॉर मेमोरियल का निर्माण एक एकड़ में होगा। इसके निर्माण पर दो करोड़ की लागत आएगी। वार मेमोरियल के निर्माण में राजस्थानी ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल होगा। इतना ही, वॉर मेमोरियल के निर्माण में ‘थ्री डी तकनीक’ का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिसकी वजह से यह किसी भी दिशा से देखा जा सकेगा।
वॉर मेमोरियल में कुमाऊंनी, गढ़वाली और गोरखाली अमर शहीदों की गौरव गाथा दर्शाई जाएगी। वॉर मेमोरियल में इन अमर शहीदों को हथियारों के साथ दर्शाया जाएगा।
स्टेट वॉर मेमोरियल के डिजाइन के अनुसार, वार मेमोरियल पर 25 मीटर ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराता रहेगा। साथ ही तीनों सेनाओं के 15-15 मीटर ऊंचे ध्वज फहराएं जाएंगे। वॉर मेमोरियल पर ‘वॉल आफ रिमेंबरेंस’ भी बनाई जाएगी।
वॉर मेमोरियल को यादगार बनाने के लिए इसके परिसर में म्यूजियम और ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा। म्यूजियम में सेना के अमर शहीदों से जुड़ी जानकारियां और उनके स्मृति चिह्न लगाए जाएंगे। वहीं, वॉर मेमोरियल पहुंचने वालों को देशभक्ति से जुड़ी फिल्में भी दिखाई जाएंगी।