विजय गोयल बने टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक)
- THDC है मिनी-रत्न (कटेग्री-प्रथम) व शेड्यूल ‘ए’ दर्जा प्राप्त संस्थान
ऋषिकेश : टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) के निदेशक (कार्मिक) का पदभार श्री विजय गोयल ने दिनांक 26 मार्च, 2018 से ग्रहण कर लिया है। निदेशक (कार्मिक) का कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व श्री गोयल टीएचडीसीआर्इएल के कॉरपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में महाप्रबन्धक (कार्मिक व प्रशासन) के पद का दायित्व निर्वाह कर रहे थे।
गौरतलब हो कि हंस राज कालेज, दिल्ली विश्व विद्यालय से इतिहास (आनर्स) से स्नातक डिग्री प्राप्त करने के बाद श्री विजय गोयल ने मास्टर इन-बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एम.बी.ए.) की डिग्री लखनऊ विश्व विद्यालय से अर्जित की है। एनएचपीसी छोड़कर वर्ष 1990 में श्री गोयल ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी का पदभार ग्रहण किया था।
टीएचडीसी में लगभग 28 वर्षों के कार्यकाल में श्री गोयल ऋषिकेश व टिहरी के कार्मिक व प्रशासन विभाग में विभिन्न स्तर पर कार्य किया है। वर्ष 1988 में कारपोरेशन की स्थापना के बाद ही श्री विजय गोयल ने कॉरपोरेशन के ऋषिकेश कार्यालय में एच.आर. सिस्टम को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। श्री गोयल टिहरी कार्यालय में वर्ष 2002 से 2015 तक कार्मिक विभाग के प्रमुख रहे। इस दौरान एच.आर. से संबंधित विभिन्न कार्यों विशेषकर औद्योगिक संबंध तथा टिहरी परियोजना के महत्वपूर्ण निर्माण व प्रचालन से जुड़े कार्यों तथा पुनर्वास कार्यों के संबंध में भी उन्होंने अपना बहुमूल्य योगदान दिया। विभिन्न स्तरों पर कार्य करते हुये टिहरी परियोजना कार्यालय में अपर महाप्रबन्धक (कार्मिक व प्रशासन) पद तक पहुंचे। इसके उपरांत श्री विजय गोयल ने 01 जून, 2015 को महाप्रबन्धक (कार्मिक व प्रशासन) का कार्यभार ऋषिकेश कार्यालय में ग्रहण किया।
वर्तमान मे श्री गोयल कार्मिक व प्रशासन विभाग के अतिरिक्त विधि व मध्यस्था, कॉरपोरेट संचार, मानव संसाधन विभागों को भी देख रहे थे तथा विभिन्न नीतियों को बनाने व उनको लागू करने की जिम्मेदारी निभा रहे थे। नीतियों को बनाना, मैनपावर प्लानिंग, स्थापना व सम्पत्तियों से संबंधित कार्य, कामगार संबंध, विधिक मामले, श्रम कानून व सूचना के अधिकार को लागू करने, प्रोटोकाल व जन सम्पर्क से संबंधित कार्य देख रहे थे। वर्तमान में वे महाप्रबन्धक (कार्मिक व प्रशासन) के साथ ही कंपनी द्वारा बनायी गयी एन.जी.ओ. टीएचडीसी एजुकेशन सोसाइटी के उपाध्यक्ष तथा कॉरपोरेशन में सूचना के अधिकार, 2005 को लागू करने के सबंध में अपीलीय अधिकारी भी थे।
टिहरी व कोटेश्वर जल विद्युत परियोजनाओं तथा गुजरात के पाटन व द्वारका में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की कमीशनिंग के उपरांत टीएचडीसी की कुल संस्थापित क्षमता 1513 मेगावाट हो गयी है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड देश का प्रमुख विद्युत उत्पादक संस्थान होने के साथ ही एक मिनी-रत्न (कटेग्री-प्रथम) व शेड्यूल ‘ए’ दर्जा प्राप्त संस्थान है ।