EXCLUSIVE

विहिप GMVN के मैन्यू में मांसाहारी भोजन पर भड़की

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : गढ़वाल मंडल विकास निगम के यात्रा मार्ग के भोजनालयों में अब मांसाहारी भोजन उसके मैन्यू में शामिल हो गया है। निगम की प्रबंध निदेशक  के इस तरह के तुगलकी फरमानों से जहाँ यात्रा मार्ग पर चलने वाले श्रद्धालु हैरान और हलकान हैं वहीँ भाजपा की अनुसांगिक संगठन विश्व हिन्दू परिषद् ने इस निर्णय पर विरोध व्यक्त करते हुए इसे राज्य की संस्कृति और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया है। विश्व हिन्दू परिषद् के संगठन मंत्री सहित तमाम हिंदूवादी संगठनों ने निगम की प्रबंध निदेशक की इस कारगुजारी को धर्म विरोधी बताते हुए उनके इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। 

गौरतलब हो कि यात्राकाल शुरू होने से पहले निगम की प्रबंध निदेशक ने गढ़वाल मंडल के यात्रा मार्गों पर स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृहों में स्थित जलपानगृहों के मैन्यू में मांसाहारी भोजन शामिल कर  दिया गया।  हालाँकि बद्रीनाथ सहित निगम के कुछ  आवास गृहों के प्रबंधकों ने निगम के प्रबंध निदेशक  की करनी को छिपाने के लिए जलपान गृहों के मैन्यू में मांसाहरी भोजन के स्थान पर सफ़ेद फ्लूइड लगाकर उसे गायब करने का प्रयास किया है लेकिन कई स्थानों पर यह आज भी  जैसा का तैसा रखा गया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब निगम के यात्रा मार्ग के आवास गृहों में आज तक मांसाहारी भोजन को स्थान नहीं दिया गया था तो अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर वर्तमान प्रबंध निदेशक को अब इसको शामिल करने की जरुरत क्यों आ पड़ी।

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के चार धामों में मांसाहार परोसने के मामले में भाजपा के अनुसांगिक संगठन विश्व हिन्दू परिषद् ने कड़ी आपत्ति जताते हुए परिषद् के संगठन मंत्री श्री संजय जी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह देश व दुनिया की धार्मिक भावनाओं के विपरीत निर्णय है जो यहाँ के धार्मिक सम्मान को प्रभावित करने वाला है। उन्होंने कहा वे इस सम्बन्ध में आला अधिकारियों से बात करेंगे कि आखिर निगम की एक प्रबंध निदेशक को यात्रा मार्ग के जलपानगृहों में मांसाहारी भोजन मैन्यू में जोड़ने की जरुरत क्यों आ पड़ी। 

वहीँ इस मामले पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्रीसतपाल महाराज से विदेश दौरे के कारण बात तो नहीं हो पायी लेकिन महाराज जी के साथ वर्षों से जुड़े और उनका काम देख रहे श्री गुलाब सिंह का साफ़ कहना है कि महाराज ने आज तक अंडा तो छुआ तक नहीं मांसाहार करना तो बहुत दूर की बात है । लेकिन गढ़वाल मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृहों के जलपान गृहों में मांसाहार परोसना धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ है ही साथ ही यह अधिकारियों की मनोदशा भी प्रदर्शित करता है कि वे उत्तराखंड की संस्कृति और संस्कारों से कितना वाकिफ हैं । उन्होंने कहा महाराज जी के दौरे से लौटने के बाद वे इस मामले को उनके संज्ञान में लाएंगे। 

वहीँ संघ से जुडे महत्वपूर्ण व्यक्ति हिमांशु अग्रवाल का कहना है कि प्रबंध निदेशक को पहले तीर्थाटन और पर्यटन में फर्क जानना होगा जहाँ तक तीर्थाटन का प्रश्न है तो यात्रा मार्ग के किसी भी जलपानगृह पर इस तरह से मांसाहारी भोजन परोसना धार्मिक भावनाओं के खिलाफ तो है ही साथ ही  इससे यात्रियों की भावनायें आहत होंगी ,वहीँ पर्यटक स्थलों पर हर तरह के लोग आते हैं लिहाज़ा वहां के जलपान गृहों में मांसाहारी भोजन परोसने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।  

गौरतलब हो कि मैन्यू में  चिकन कटलेट 2 पीस के जहाँ 200 रुपये प्रदर्शित किये गए हैं वहीँ  दो बॉयल्ड अंडे 40 रुपये तो प्लेन ऑमलेट 70 रुपये तो मसाला ऑमलेट 90 रुपये के प्रदर्शित किये गए हैं।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »