RUDRAPRAYAG

तुंगनाथ घाटी में 90 लोगों ने कर रखा है अतिक्रमण!

  • गहनता से जांच होने पर घेरे में होंगे कई अधिकारी और वन पंचायत सरपंच
रुद्रप्रयाग । कॉर्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में सरकारी व वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब भगवान तुंगनाथ के आंचल में  बसे तुंगनाथ  घाटी के कई स्थानों पर विगत दो वर्षो से हुये अवैध अतिक्रमण व अवैध खनन के मामले में दो वन दरोगाओं सहित स्थानीय राजस्व उपनिरीक्षक के निलंबित होने से तुंगनाथ  घाटी में अवैध अतिक्रमण करने वालों की रातों की नींद हराम हो गयी है। तुंगनाथ घाटी में विगत दो वर्षो से हुये अवैध अतिक्रमण की यदि गहनता से जाँच हुई तो वन पंचायतों के सरपंचों व वन विभाग के अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय है। 
विदित हो कि पंचकेदारों में तृतीय केदार के के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के आंचल में बसे तुंगनाथ घाटी के मक्कूबैण्ड, दुगलविटा, बनियाकुण्ड, चोपता सहित तुंगनाथ यात्रा पडावों पर स्थानीय लोग लम्बे समय से ढावों का संचालन कर रहे थे, जिससे तुंगनाथ धाम व मिनी स्विटजरलैण्ड आने वाले तीर्थ यात्रियों व सैलानियों को सुख सुविधा मिलती थी, मगर विगत दो वर्षों से तुंगनाथ  घाटी में वन पंचायतों व वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से बाहरी लोगों द्वारा तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण किया जा रहा था। बाहरी लोगों द्वारा अतिक्रमण कर होटल, ढाबों व टेन्टों के निर्माण के लिये सुरम्य मखमली बुग्यालों में अवैध खनन करने के साथ-साथ अवैध वृक्षों का पातन भी किया गया था। तुंगनाथ  घाटी के बुग्यालों में अवैध खनन होने से कई प्रजाति की जडी बूटियों का अस्तित्व समाप्त हो चुका था।
तुंगनाथ घाटी में हो रहे अवैध अतिक्रमण, अवैध खनन व अवैध वृक्षों के पातन होने की भनक लगते ही जिला प्रशासन द्वारा तुंगनाथ घाटी में हो रहे अवैध अतिक्रमण की जाँच के आदेश एसडीएम ऊखीमठ को सौंप दिये थे। जिला प्रशासन के आदेश मिलते ही तहसील प्रशासन ऊखीमठ द्वारा तुंगनाथ  घाटी में अवैध अतिक्रमण की जाँच आख्या जिला प्रशासन को सौंपी गई। तहसील प्रशासन की जाँच आख्या मिलते ही जिला प्रशासन ने दो वन दरोगा सहित स्थानीय उपनिरीक्षक के निलंबन का फरमान जारी कर दिया है। दो वन दरोगा सहित स्थानीय राजस्व उपनिरीक्षक के निलंबित होने का फरमान जारी होते ही तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण करने वाले की रातों की नींद हराम हो गयी है।
तहसील प्रशासन की माने तो लगभग 90 लोगों द्वारा तुंगनाथ  घाटी में अतिक्रमण किया गया है। यदि जिला व तहसील प्रशासन तुंगनाथ घाटी हुये अतिक्रमण की जाँच गहनता से करता है तो कई वन पंचायत सरपंचों के अधिकार छिन सकते हैं, जबकि केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग व रुद्रप्रयाग वन विभाग के अगस्त्यमुनि रेंज के कई अन्य अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। स्थानीय सूत्रों की माने तो तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण करने वाले अब अपने को कानून के शिकंजे में आता देख प्रतिदिन बैठकों का आयोजन कर आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं । 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »