वैंकया नायडू ने शहरी विकास योजनाओं की धीमी प्रगति पर असंतोष जताया
देहरादून । केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकया नायडू ने राज्य में अपने मंत्रालय की योजनाओं की धीमी प्रगति पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए विभागीय अफसरों को दो दिन का गहन प्रशिक्षण देकर उन्हे लक्ष्य आवंटित करने को कहा है। उन्हांने साफ-साफ 100 दिन कार्य प्रदर्शन पर असंतोष व्यक्त किया है।
सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में वैंकया नायडू ने साफ किया कि अब आबादी और पिछडेपन की बजाय केंद्रीय अनुदान कार्य प्रदर्शन के आधार पर ही मिलेगा । मजे की बात यह रही कि इस पत्रकार वार्ता में सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग की ओर से पत्रकारों के बीच सरकार के सौ दिनों की उपलब्धियों की पुस्तिका वितरण को लाई गई थी। लेकिन इसके वितरण से पहले ही नायडू ने अपने व्यक्तव्य के प्रारंभ में ही शहरी विकास में काम काज को अफसोसनाक करार दिया। असल में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अफसर कल से ही देहरादून में डेरा डालकर यहां के काम की समीक्षा कर रहे हैं।
गुरुवार को स्वयं नायडू ने मुख्यमंत्री के साथ समीक्षा की। नायडू ने बताया कि इस तरह वे 22वें राज्य उत्तराखंड आये हैं और वे हर राज्य में गहन समीक्षा के बाद हाथों हाथ मांग भी पूरी करते जाते हैं । इससे पहले मुख्यमंत्रागण और उनके अपफसर इस काम के लिये दिल्ली के चक्कर लगाया करते थे। उन्हांने बताया कि केवल कार्य समीक्षा ही नही, वे पैसा भी साथ लाये हैं और वह सरकार को सौंप दिया गया है। उन्होने राज्य के 31 मार्च 2018 तक ‘खुले में शौच से मुक्ति’ को लक्ष्य निर्धरित किये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि जनसहयोग से बनाये गये स्मार्ट सिटी प्रस्ताव के लिये स्पेशल परपज वेहिकल तत्काल गठित कर काम तेजी से किया जाये ।
उन्होने बताया कि अमृत मिशन की 593 करोड रूपये की सभी कार्ययोजनायें स्वीकृत हैं और उसमें स्वीकृत केंद्रांश पांच अरब 34 करोड रूपये के सापेक्ष एक अरब सात करोड रूपये की राशि की पहली किस्त राज्य को जारी कर दी गई है । इसमें स्वीकृत 133 परियोजनाओं में से 39 का काम हो गया और बाकी 94 परियोजनाओं में 31 दिसंबर तक काम शुरू किये जाने की जानकारी दी गई है। इनमें भी जलापूर्ति व सीवरेज निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता में लिया गया है। इसमें एक करोड 23 लाख नये घरों को जल संयोजन दिया जायेगा। उन्होने हर्ष व्यक्त किया कि हरिद्वार और रूडकी नगर निगम ने अपने संसाधनों से पथ प्रकाश की लाईटें एलईडी में परिवर्तित कर दिया गया है और अब राजधानी देहरादून समेत अन्य शहरों में यह काम होना है।
पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद हरिद्वार डा. रमेश पोखरियाल निशंक, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव एस रामास्वामी आदि उपस्थित रहे।