“अनियोजित विकास से उत्तराखंड का पर्यावरण संकट में: पीपल बाबा”

“अनियोजित विकास से उत्तराखंड का पर्यावरण संकट में: पीपल बाबा”
देहरादून। पर्यावरणविद् पीपल बाबा ने उत्तराखंड में हो रहे अनियोजित विकास पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे विनाशकारी बताया है। उन्होंने कहा कि विकास से प्रगति होनी चाहिए, लेकिन जब इसे बिना समुचित योजना और पर्यावरण संरक्षण के किया जाता है, तो यह केवल विनाश लेकर आता है।
पीपल बाबा ने कहा –
विकास से प्रगति होनी चाहिए, लेकिन जब इसे बिना ध्यान दिए किया जाता है, तो यह केवल विनाश लाता है।
भारत में विकास कैसा नहीं होना चाहिए और जलवायु परिवर्तन पर्यावरण को कैसे प्रभावित कर सकता है, इसका एक क्लासिक उदाहरण उत्तराखंड की स्थिति है।
मैंने अपने शुरुआती वर्षों में देहरादून के कैंब्रियन हॉल में पढ़ाई की, क्योंकि मेरे पिता वहाँ तैनात थे।
देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश आदि स्थान मेरे दिल के बहुत करीब हैं, लेकिन मैंने वहाँ के पिछले 40-50 वर्षों के पूरे परिवर्तन को देखा है।
जो कुछ भी विकास के दौरान नहीं किया जाना चाहिए था, वह उत्तराखंड में किया गया।
जो कुछ भी विकास के दौरान नहीं किया जाना चाहिए था, वह उत्तराखंड में किया गया।
यदि आप आज देखें, तो अधिकतम वनों की कटाई और राष्ट्रीय वन्यजीव उद्यानों को होने वाला नुकसान यहीं हुआ है।
बुरांश (रोडोडेंड्रोन) भी मौसम को लेकर भ्रमित है, क्योंकि उत्तराखंड के बदलते मौसम को वह समझ नहीं पा रहा है।
कभी-कभी यह जनवरी में ही खिलने लगता है, जबकि इसे अप्रैल में खिलना चाहिए।
पेड़-पौधे भी भ्रमित हैं कि उन्हें कब फूलना चाहिए।
यह इस बात का एक क्लासिक उदाहरण है कि विकास कैसा नहीं होना चाहिए।