उत्तराखंड के ”केदारखण्ड” की झांकी के इस बार राजपथ होंगे देश-दुनिया को दीदार

गणतंत्र दिवस परेड-2021 के लिए उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का हुआ चयन
उत्तराखंड को जहाँ प्रधानमन्त्री मोदी जी मिलता रहा है स्नेह वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र भी प्रदेश की गतिविधियों को पहुंचना चाहते है राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फलक तक
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा होना देश के राज्यों के लिए गौरवान्वित करने वाला होता रहा है। उत्तराखंड का सौभाग्य है कि विगत 11 गणतंत्र दिवस के अवसरों पर उत्तराखंड को अपने राज्य की तमाम गतिविधयों को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर दिखाने का मौक़ा मिला है। उत्तराखंड को जहाँ प्रधानमन्त्री मोदी जी का स्नेह मिलता रहा है वहीं प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी प्रदेश की गतिविधियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर प्रदेश को स्थान देने की रूचि रही है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान ”केदारखंड” की झांकी को अवसर प्रदान किया गया है। इसका उद्देश्य देश-दुनिया तक यह सन्देश भी पहुंचाना है कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद केदारधाम आज अभूतपूर्व नज़र आने लगा है और वहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए वह सब है जो वे देखना और अनुभव करना चाहते हैं।
इस वर्ष राजपथ नई दिल्ली में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड-2021 के अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का अंतिम रुप से चयन कर लिया गया है। भारत सरकार द्वारा इस हेतु दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 को आदेश जारी कर दिये गये हैं।
महानिदेशक, सूचना, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में पांच बार की बैठक के पश्चात उत्तराखण्ड राज्य की झांकी को भी गणतंत्र दिवस परेड में स्थान मिला है। इस वर्ष राज्य की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय ‘केदारखण्ड’ रखा गया है। झांकी के अग्र भाग में राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग‘, राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ तथा पार्श्व भाग में केदारनाथ मन्दिर परिसर एवं ऋद्धालुओं को दर्शाया गया है।
झांकी के चयन हेतु रक्षा मंत्रालय भारत सरकार में आयोजित पांच स्तर की बैठकों में विभाग के उपनिदेशक, श्री के.एस.चौहान द्वारा झांकी के थीम, डिजाइन, मॉडल तथा संगीत आदि का सफल प्रस्तुतिकरण किया गया जिसके फलस्वरुप राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड-2021 में अन्तिम रुप से चयनित किया गया है। झांकी डिजाइन के चयन की एक बहुत जटिल प्रक्रिया होती है, इस वर्ष प्रारम्भ में 32 राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेशों ने प्रतिभाग किया था जिसमें से अंतिम रुप से केवल 17 राज्यों का चयन किया गया है।
गौरतलब हो कि इससे पूर्व के वर्षों में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’, वर्ष 2005 में ‘नंदाराजजात’, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’, वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’, वर्ष 2014 में ‘जड़ी बूटी’, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’, वर्ष 2016 में ‘रम्माण’, वर्ष 2018 में ‘ग्रामीण पर्यटन’ तथा वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम (कौसानी प्रवास एवं अनाशक्ति)’ विषयों पर आधारित झांकियों का सफल प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।