Uttarakhand

ई-मंत्रिमंडल प्रणाली को तैयार उत्तराखंड

पारदर्शिता बढ़ेगी और  प्रक्रिया में लगने वाला वक्त भी बचेगा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । अनेक अभिनव कार्यों के क्रम में ही मंत्रीमंडल की नियमित बैठकों, विषम भोगोलिकता में मंत्रियों के अन्यत्र व्यस्तता के चलते इन बैठकों में उपस्थित होने में कठिनाईयों को देखते हुए उत्तराखंड राज्य कंप्यूटरीकरण की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा रहा है। इसमें ई-मंत्रिमंडल प्रणाली विकसित की गई है। इसमें कैबिनेट बैठक के लिए प्रस्ताव बनाने से लेकर उसे बैठक में रखने के एप्रूवल और उस पर हुए फैसले तक सारा काम कंप्यूटर पर होना है। इसके लिए तैयारियां काफी पहले से शुरू हो चुकी थी अब इस पर कभी भी अमल शुरू हो सकता हैं।

सरकार का मानना है कि इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि इस प्रक्रिया में लगने वाला वक्त भी बचेगा। साथ ही किसी भी कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों और उनके अनुपालन में हुई कार्रवाई का सिजरा भी एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगा। मौजूदा व्यवस्था में कैबिनेट की बैठक में रखने के लिए सबसे पहले विभाग अपने स्तर से प्रस्ताव तैयार करता है। इसके बाद उसे गोपन में भेजा जाता है। गोपन इसे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करके इसे कैबिनेट की बैठक में रखने के लिए एप्रूवल लेता है। अनुमति मिलने पर प्रस्ताव की दो दर्जन प्रतियां सभी कैबिनेट मंत्रियों के अलावा शासन के अफसरों में वितरित की जाती हैं। कैबिनेट की बैठक में निर्णय होने पर प्रस्ताव से संबंधित विभाग को एक लाल पन्ना जारी किया जाता है। बाद में उसका शासनादेश जारी होता है। कुल मिलाकर इस प्रक्रिया में काफी वक्त लगता है। साथ ही प्रत्येक चरण में कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है। 

इस लंबी और जटिल प्रक्रिया से निजात पाने के मकसद से राज्य में पहली बार ई-मंत्रिमंडल प्रणाली विकसित की जा रही है। इसके तहत प्रस्ताव बनने से लेकर उस पर होने वाले फैसले से जुड़े शासनादेश तक का सारा काम कंप्यूटर पर किया जाएगा। प्रत्येक चरण पर इसकी एप्रूवल भी कंप्यूटर पर ही होगी। बस कैबिनेट की बैठक में प्रस्तावों पर चर्चा के लिए हार्ड कॉपी की आवश्यकता होगी। शासन के अफसरों की मानें तो कैबिनेट की बैठकों का सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगा, जिससे बैठक में हुए फैसलों के पालन की स्थिति भी तत्काल पता चल जाएगी। ई-मंत्रिमंडल सिस्टम को लागू करने करने का ट्रायल रन भी आरंभ कर दिया गया है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और वक्त की बर्बादी भी रुकेगी।

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