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राज्य आंदोलनकारियों का उत्तराखण्ड सरकार को धन्यवाद

आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण करने की मांग को स्वीकार करने पर दिया धन्यवाद 

गैरसैंण राजधानी बनाने व शहीदों को न्याय देने की मांग को भी स्वीकार करे उत्तराखण्ड सरकार

दिल्ली । उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य गठन आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण की मांग को स्वीकार करते हुए 13 दिसम्बर 2016 को शासनादेश कर दिया है। सरकार द्वारा उठाये गये कदमों को उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के देवसिंह रावत व खुशहाल सिंह बिष्ट, उत्तराखण्ड महासभा के अनिल पंत, रामेश्वर गोस्वामी, उत्तराखण्ड जनमोर्चा रविन्दर बिष्ट व एसएन बसलियाल, उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच बृजमोहन उप्रेती, उत्तराखण्ड संयुक्त संघर्ष समिति के मनमोहन शाह, उक्रांद के प्रताप शाही, व हिमनद संघ के जयेन्द्र भण्डारी सहित सभी राज्य गठन आंदोलनकारी संगठनों ने सही दिशा में उठाया गया कदम बताया। इसके साथ आंदोलनकारियों ने आशा प्रकट की कि प्रदेश सरकार, राज्य की राजधानी गैरसैंण बनाने व राज्य गठन आंदोलन के शहीदों को न्याय देने की मांग को भी शीघ्र स्वीकार करेंगे। दिल्ली में राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हिकरण के लिए लम्बे समय प्रयास कर रहे देवसिंह रावत, मनमोहन शाह, नंदन रावत, अनिल पंत, सुभाष चौहान, रामेश्वर गोस्वामी व कमल किशोर नौटियाल ने इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ मुख्यमंत्री के सलाहकार हरपाल रावत को बधाई दी।

राज्य गठन आंदोलनकारी संगठनों की भावना को व्यक्त करते हुए देवसिंह रावत ने कहा कि यह काम राज्य गठन की पहली सरकार को करना चाहिए था, परन्तु सत्तासीनों ने आंदोलनकारियों का सम्मान करने के बजाय अपमानित ही किया। अब प्रदेश की वर्तमान सरकार ने आंदोलनकारियों की भावनाओं को समझने का काम किया इस लिए वह बधाई की पात्र है। सरकार के इस कदम पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कोटद्वार से लम्बे समय से आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण के लिए आं्रदोलनरत आंदोलनकारी संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी महेन्द्र रावत, टिहरी के प्रखर आंदोलनकारी सूरवीर सिंह नेगी, गेरसैंण से अशोक लाल शाह, रूद्र प्रयाग के रणजीत पंवार, अल्मोड़ा से भुवन बिष्ट, हीरासिंह बिष्ट, देहरादून से लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, नैनीताल के वीरेन्द्र भण्डारी सहित अनैक आंदोलनकारियों ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी। इस शासनादेश के जारी होने के बाद आंदोलनकारियों को आशा है कि समर्पित आंदोलनकारियों को चिन्हिकरण करने का काम शीघ्र पूरा होगा।

राज्य गठन आंदोलनकारी संगठनों प्रदेश सरकार द्वारा आंदोलनकारियों की वर्षो पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए करके 31 मार्च 2014 को रोक दी गयी निस्तारण की अंतिम तिथि का विस्तार 30 अप्रैल 2017 तक बढ़ाने के लिए शासनादेश (उत्तराखण्ड सरकार/गृहअनुभाग-4/संख्या 1279/बीस-4/2016-3(10)/2014 तद् दिनाक 13 दिसम्बर 2016) जारी कर दिया है। इसके तहत सभी जिलाधिकारियों सहित आंदोलनकारियों के चयन केन्द्र को निर्देश दिये है कि आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण व इस हेतु लम्बित आवेदन पत्रों का शीघ्र निस्तारण कर दिया जाय।

गौरतलब है कि राज्य गठन आंदोलन के सभी सक्रिय आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण के लिए दिल्ली के साथ कोटद्वार, चमोली सहित सभी जनपदों के चिन्हिकरण से वंचित रह गये समर्पित आंदोलनकारी वर्षो से कर रहे थे। समर्पित आंदोलनकारियों की इस माग को स्वीकार करते हुए सरकार ने 13 दिसम्बर का जो शासनादेश निकाला उसमें स्पष्ट लिखा है कि राज्य गठन आंदोलनकारियों की मांग को स्वीकार करते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने सम्यक विचारोपरांत 31 मार्च 2014 का विस्तारकर आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण व इस हेतु लम्बित आवेदन पत्रों के अंतिम निस्तारण 30 मार्च 2017 तक करने का आदेश दिया है।

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