शहरी वन शहरों में गांवों के वन की प्राचीन परम्परा को पुनर्जीवित करेंगे : प्रकाश जावड़ेकर
नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस पर सरकार ने वन विभाग, नगर निकायों, गैर सरकारी संगठनों, कॉर्पोरेट्स और स्थानीय नागरिकों के बीच भागीदारी और सहयोग पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करते हुए अगले पांच वर्षों में देशभर में 200 शहरी वन विकसित करने की घोषणा की।
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय ‘जैव विविधता’ है। कोविड-19 महामारी के कारण जारी हालात के मद्देनजर मंत्रालय ने इस वर्ष के थीम नगर वन (शहरी वन) पर ध्यान केंद्रित करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन वर्चुअल रूप से किया।
शहरी वनों पर सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक विवरणिका का विमोचन और नगर वन योजना की घोषणा करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये वन शहरों के फेफड़ों के रूप में काम करेंगे और मुख्य रूप से शहर की वन भूमि पर या स्थानीय शहरी निकायों द्वारा प्रस्तावित किसी अन्य खाली जगह पर होंगे। इस वर्ष की थीम जैव विविधता पर विशेष ध्यान देने के साथ “टाइम फॉर नेचर” पर जोर देते हुए जावड़ेकर ने कहा, “प्रधान नियम यह है कि यदि हम प्रकृति की रक्षा करते हैं, तो प्रकृति हमारी रक्षा करती है”।
केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वृक्षारोपण और मृदा नमी संरक्षण एक मुख्य रणनीति के रूप में देश में जैव विविधता संरक्षण की दिशा में काम करते हैं। नदी घाटों पर मिट्टी के क्षरण, गाद और पानी के कम प्रवाह की समस्याओं को दूर करने के लिए सभी को सामूहिक रूप से काम करना होगा।
इस कार्यक्रम में मरुस्थलीकरण रोकथाम संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन-यूएनसीसीडी) के कार्यकारी निदेशक इब्राहिम थियाव और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की कार्यकारी निदेशक इंगेर एंडरसन ने भी वर्चुअल रूप से भागीदारी की।