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EXCLUSIVE : UPCL के निदेशक परिचालन ने हड़बड़ी में जांच के आदेश से पहले ही जारी कर डाला बिना तारीख और पत्रांक वाला पत्र !

एसएसओ यानि सब स्टेशन अफसर को अब बलि का बकरा बनाने की बनी योजना

रिले के आपूर्तिकर्ता और रिले की खरीद करने वाले अधिकारियों पर गिरनी चाहिए गाज

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून :  मुख्यमंत्री द्वारा जांच से पहले अपनी कुर्सी बचाने की हड़बड़ी में निदेशक परिचालन अतुल कुमार अग्रवाल ने बिना पत्रांक और दिनांक की एक चिट्ठी जारी कर दी इससे साफ़ पता चलता है कि UPCL प्रबंधन मामले में मुख्यमंत्री द्वारा जांच बैठाए जाने की सुगबुगाहट मिलते ही लीपापोती में जुट गया और उसने आनन -फानन में इस तरह की एक चिट्ठी मुख्य अभियंता (वितरण) मदनलाल प्रसाद को जारी कर दिया और पत्र में आज सायं दिनांक यानि 27 सितम्बर 2020 तक जांच कर आख्या भी देने के निर्देश दे दिए। जबकि मुख्यमंत्री द्वारा मामले में जांच के आदेश कुछ ही घंटे पहले जारी किये गए हैं। अब यह सवाल उठता है कि यदि UPCL प्रबंधन इतना ही सक्रिय है तो दुर्घटना में मारे गये कमल सिंह रावत पुत्र मदन सिंह रावत की टूटी हुई 11 KVA की लाइन से झुलसने से मौत ही नहीं होती।  
वहीं पत्र के पहुँचते ही मामले में अधिशासी अभियंता ग्रामीण अमित आनंद की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी की प्रथमदृटया रिपोर्ट में एसएसओ की लापरवाही बताई जा रही है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि फाइनल रिपोर्ट मिलने पर इस घटना के लिए जिम्मेदार लापरवाह अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार UPCL के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए बिजली घर में बैठे एसएसओ यानि सब स्टेशन अफसर को अब बलि का बकरा बनाने की योजना में जुट गए हैं। जबकि जानकारों के अनुसार बिजली घर में दो तरह की रिले लगी होटी हैं एक रेल अधिक बिजली आने पर यानि ओवर वोल्टेज पर स्वतः ही आने वाली बिजली की सब स्टेशन तक पहुँचते ही काट देती है जबकि दूसरी रिले यदि कहीं बिजली की तार किन्ही कारणों से टूट जाए तो जमीन, मकान अथवा पेड़ पर गिरते ही लाइन से बिजली की आपूर्ति स्वतः बंद कर देती है।  ऐसे में UPCL द्वारा जो रिले लगायी गयी हैं वे घटिया स्तर की रहीं होगीं जो अपना काम नहीं कर पाई।  ऐसे में रिले के आपूर्तिकर्ता और रिले की खरीद करने वाले अधिकारियों पर ही गाज गिरनी चाहिए।   
वहीं हल्द्वानी से मिली जानकारी के अनुसार  घटना में मृतक आश्रित को तत्काल चार लाख मुआवजा दिया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भी सहायता की कोशिश की जाएगी।

मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपये के मुआवजे की मांग

वहीं दूसरी तरफ हल्द्वानी में नैनीताल रोड पर बिजली विभाग की लापरवाही से हुए हादसे के मामले में महानगर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। महानगर अध्यक्ष राहुल छिम्वाल की अगुवाई में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग उठाई है। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत बगडवाल, हुकुम सिंह कुंवर, ब्लॉक अध्यक्ष राजेन्द्र बिष्ट, जीवन कार्की, हाजी सुहेल, मयंक भट्ट, राजू सुयाल आदि मौजूद रहे।

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