- घंटों लाइन में लगी नौकरी पाने के लिए
हरिद्वार : सिफारिश के बजाय योग्यता के बल पर नौकरी पाना उत्तरप्रदेश जैसे राज्य के मुख्यमंत्री की भतीजी अर्चना बिष्ट का जूनून है। वहीँ यू पी के सीएम की भतीजी का यह उदाहरण हर छोटी-छोटी बात के लिए सिफारिश का सहारा लेने वालों के लिए मिशाल भी है। हरिद्वार में सिडकुल की एक कंपनी में नौकरी पाने के लिए अर्चना ने सोमवार को पौड़ी से हरिद्वार पहुंचकर वहां पहुंचकर आयोजित रोजगार मेले में शिरकत की और अपना नंबर आने तक लाइन में भी लगी रहीं।
सोमवार को अर्चना अपने दादा आनंद सिंह बिष्ट और भाई अविनाश मोहन बिष्ट के साथ हरिद्वार में आयोजित रोजगार मेले में पहुंची थी । जहाँ अर्चना पास बनवाने के लिए घंटों लाइन में खड़ी रही। वहीँ इसके बाद साक्षात्कार के लिए भी लाइन में लगकर इंतजार किया। अर्चना ने बताया कि उन्होंने राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज थलनदी पौड़ी से ऑफिस मैनेजमेंट में डिप्लोमा हासिल किया है। अर्चना का कहना है कि सिफारिश की बजाय वे अपनी योग्यता के आधार पर नौकरी हासिल करना चाहती हैं।
अर्चना के साथ आए उनके बड़े भाई अविनाश मोहन बिष्ट ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। वह फिलहाल सिडकुल की एक बड़ी कंपनी में अप्रेंटिस कर रहे हैं। वन विभाग से रेंजर पद से रिटायर और फिलहाल एक डिग्री कॉलेज के चेयरमैन योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट ने बताया कि वे अपने गांव पंचूर से सुबह कार से रोजगार मेले में शिरकत करने के लिए पोती और पोते के साथ हरिद्वार के लिए निकले थे। अर्चना के दादा और भाई ने भी सिफारिश की बजाय योग्यता के बल पर मुकाम हासिल करने की वकालत की है ।
रोजगार महाकुंभ में युवाओं की भीड़ देखकर बिष्ट आश्चर्यचकित रह गए। बोले, यहां आकर पता चला कि पहाड़ पर किस कदर बेकारी और बेरोजगारी है। पहाड़ से पलायन की मुख्य वजह भी यही है। सरकार को चाहिए कि व्यापक स्तर पर इस तरह के आयोजन कराए और इसमें पूरी तरह पारदर्शिता भी बरते। बिष्ट के अनुसार हमें ऐसे आयोजनों के जरिये उत्तम में सर्वोत्तम की तलाश करनी चाहिए। सोर्स और सिफारिश को इससे पूरी तरह दूर रखना चाहिए।