गोपेश्वर : चमोली जिले में चौबीस घंटे के अंतराल में फिर से बादल फट गया। इस बार मौसम की मार घाट विकासखंड के धुर्मा गांव पर पड़ी। यहां सात आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गए। इनमें रह रहे लोगों ने आधी रात घरों से भागकर जान बचाई। बरसाती नालों के उफान और साथ आए मलबे से इलाके में पैदल मार्गो के साथ ही काफी कृषि भूमि और फसल नष्ट हो गई। चमोली जिले में इस मानसून सत्र में बाद फटने की यह छठी घटना है। कुमाऊं मंडल के कुछ इलाकों में बारिश और भूस्खलन से तमाम दुश्वारियां खड़ी हो गई हैं। इधर, बदरीनाथ मार्ग गोविन्दघाट में बंद होने से तीर्थयात्रियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। यहां करीब डेढ़ हजार यात्री शनिवार से फंसे हुए हैं। केदारनाथ हाईवे सुबह दो घंटे बाधित रहा, यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे पूरे दिन सुचारु हैं। इधर, राज्य मौसम केंद्र ने सोमवार को प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
रविवार रात्रि लगभग दो बजे घाट विकासखंड के धुर्मा गांव के ऊपरी इलाके फुरफड़ी तोक में बादल फटने से रिखपड़पना गदेरा उफान पर आ गया। गदेरे में उफान का शोर सुनकर ग्रामीण घरों से बाहर निकल कर दूर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। आपदा में एक मकान मलबे के साथ बह गया है। जबकि छह अन्य क्षतिग्रस्त हो गए। मलबे से इंटर कॉलेज भवन का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। धुर्मा-कुण्डी मोटर मार्ग की पुलिया भी बही है। अतिवृष्टि के कारण सेरा गांव में एक आवासीय भवन धराशायी हो गया, धुर्मा में एक खोखा व एक घराट बह गया। भूस्खलन के कारण गांव की पेयजल लाइन, सिंचाई गूल, पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। जगह-जगह पुस्ता ढहने से कई मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। खेतों में भी मलबा पटने से फसलों को नुकसान हुआ है।
राजस्व विभाग की टीम ने यहां पहुॅचकर प्रभावित परिवारों को राहत दी। तात्कालिक सहायता के तौर पर रसद , आटा, चावल, तेल, चीनी, चायपत्ती, मसाला, सब्जी, दाल दिया गया। आए दिन बादल फटने की घटनाओं के दृष्टिगत जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने नदी, नाले, गदेरे के आसपास बसे लोगों से बरसात के दौरान विशेष सर्तकता बरतने एवं सुरक्षित स्थानों पर ही रहने की अपील की है। एक रोज पहले थराली तहसील के तलवाड़ी और गो¨वदघाट इलाके में बादल फटा था।
वहीं पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र में हो रही भारी बारिश और आपदा के चलते विकास खंड के समस्त प्राथमिक विद्यालयों से लेकर इंटर कालेज तीन दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। बोरा गांव में शनिवार रात अफरा-तफरी रही। हल्की बारिश के साथ ही गांव में पहाड़ी की तरफ से पत्थर गिरने लगे। जिससे एक मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया। यह देख ग्रामीणों ने जान बचाने के लिए गांव से बाहर दौड़ लगा दी। बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील के रेवती घाटी में बारिश से काफी नुकसान हुआ है। मोटर पुल बहने से 20 हजार जनसंख्या प्रभावित हो गई है। बड़े-हरसिंग्याबगड़ के बीच एक दर्जन से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। चंपावत जिले के धारचूला में तवाघाट-गर्बाधार मोटर मार्ग चौड़ीकरण से पांगला का प्रसिद्ध मलयनाथ मंदिर खतरे की जद में आ गया है।