UTTARAKHAND

गूलर में निर्माणाधीन पुल गिरने की गाज : तीन अभियन्ता मुख्यालय अटैच, निर्माण एजेंसी डिबार

कंसलटेंट एजेंसी और निर्माण एजेंसी की लापरवाही को कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता : सचिव लोनिवि 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

यूकेडी ने पुल कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ खोला मोर्चा

टिहरी । गूलर पुल हादसे से आक्रोशित क्षेत्रवासियों ने उत्तराखंड क्रांति दल के नेतृत्व में गूलर पहुंचकर कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोला है। बीते 22 नवंबर को ऑल वेदर रोड निर्माण कार्य के समय गूलर के पास धारगिड गधेरे पर निर्माणाधीन 45 मीटर का फोरलेन पुल ढह गया था। इसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी, जबकि 13 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुल का निर्माण कर रही राज श्याम कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पुल निर्माण में लापरवाही बरती है। इसलिए हादसे की जांच सीबीआई से कराई जाए। साथ ही हादसे की जिम्मेदार कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर, पूर्व प्रधान बीबी सिंह राणा सहित स्थानीय लोगों ने पुल कंस्ट्रक्शन कंपनी को हादसे का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि जिस दिन पुल का लेंटर डाला गया। उस वक्त मौके पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। साथ ही कहा कि जिस खाई में पुल का निर्माण हो रहा है। वहां अभी हाल ही में मिट्टी की डाली की गई है. ऐसे में कंपनी ने बिना मिट्टी सेट हुए शटरिंग जोड़ने का काम शुरू कर दिया। जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा गरीब मजदूरों को भुगतना पड़ा। सरदार सिंह पुंडीर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि अगर उनकी मांगों पर सरकार ने 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की, तो गूलर घाटी में ही नेशनल हाईवे-58 को को जाम किया जाएगा और बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
देहरादून : चार धाम आल वेदर रोड़ निर्माण के अंतर्गत टिहरी जिले के ऋषिकेश -बद्रीनाथ हाईवे पर गूलर में निर्माणाधीन पुल के लैंटर डालते वक्त भरभराकर गिर जाने के मामले की जांच रिपोर्ट मिलने पर शासन ने कार्रवाई करते हुए अधिशासी अभियंता और दो सहायक अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से श्रीनगर गढ़वाल को देहरादून मुख्य अभियंता कार्यालय में अटैच कर दिया है।
वहीं इस पुल निर्माण के सुपर विजन के लिए तैनात कंसलटेंट कंपनी मैसर्स आयोलीजा कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड को काली सूची में डालने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सिफारिश की गई है। पुल निर्माण की निर्माण एजेंसी मैसर्स राजश्यामा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को भी एक वर्ष के लिए डिबार कर दिया गया है। अब यह कंपनी उत्तराखंड राज्य में एक साल तक निविदाओं में भाग नहीं ले सकेगी।
गौरतलब हो कि बीती 21 नवंबर को ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग (एनएच-58) पर व्यासी के समीप गूलर में निर्माणाधीन पुल की कमजोर शटरिंग लेंटर डालते ही गिर गई थी, जिसके चलते इस दुर्घटना में 13 मजदूर घायल हो गए थे और एक की मौत हो गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को हादसे के तत्काल जांच के आदेश दिए थे।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सचिव लोनिवि ने मुख्य अभियंता (एनएच) की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर उसे तत्काल मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए थे। इस कमेटी ने बीते मंगलवार को शासन को अपनी जांच सौंप दी थी। गुरुवार को जांच रिपोर्ट का परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के आदेश दिए।
सचिव लोनिवि ने इस जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए श्रीनगर लोनिवि में तैनात अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार बिजल्वाण, सहायक अभियंता मनोज पंवार व मृत्युंजय शर्मा को तत्काल प्रभाव से मुख्य अभियंता कार्यालय देहरादून से संबद्ध (अटैच) करने के आदेश दिए।
सचिव लोनिवि आर0के0 सुधांशु ने बताया कि इस हादसे में जान माल का नुकसान हुआ है। हालांकि यह पुल ईपीसी मोड में था, लेकिन कंसलटेंट एजेंसी और निर्माण एजेंसी की लापरवाही को कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कर दी गई है।

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