HARIDWAR

यूक्रेन-रूस युद्ध :-फार्मा और प्लास्टिक के दाने से जुड़े उद्योगों पर सबसे ज्यादा असर

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध का हरिद्वार जिले में फार्मा और प्लास्टिक के दाने से जुड़े उद्योगों पर गहरा असर पड़ने लगा है। युद्ध शुरू होते ही कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगी है। फार्मा कंपनी में इस्तेमाल होने वाली एल्युमीनियम के दाम में बढ़ोतरी होने लगी है। पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के साथ प्लास्टिक के दाने के दामों में भी पांच से सात फीसदी बढ़ोतरी हुई है। यही हालात रहे तो आपूर्ति बाधित होने की भी आशंका है। ऐसे में इन उद्योगों से जुुड़े उद्योगपतियों ने कच्चे माल की मांग दोगुनी कर दी है।
हरिद्वार जिले में सिडकुल, भगवानपुर, रामनगर और सलेमपुर औद्योगिक क्षेत्र में करीब 180 फार्मा इकाइयां हैं। इसके अलावा 120 से ज्यादा प्लास्टिक के दाने से जुड़ी इकाइयां भी हैं। इन उद्योगों का कच्चा माल कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, रूस, उज्बेकिस्तान आदि जगहों से आता है। अभी तक इन देशों से माल मंगाने में कोई दिक्कत नहीं आ रही थी। इसी बीच यूक्रेन में युद्ध छिड़ जाने से स्थिति अचानक बदल गई है।
युद्ध का सीधा असर इन औद्योगिक इकाइयों पर पड़ने लगा है। फार्मा कंपनियों में यूक्रेन और आसपास के अन्य शहरों से दवाओं के कच्चे माल और पैकेजिंग के रूप में एल्युमीनियम का आयात होता है। युद्ध के बाद कच्चे माल के दामों में बढ़ोतरी होने लगी है।
फार्मा एसोसिएशन भगवानपुर के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने बताया कि युद्ध के चलते एल्युमीनियम के दाम में 100 रुपये किलो की बढ़ोतरी हो गई है। जो एल्युमीनियम पहले 300 रुपये तक आ रहा था, उसकी कीमत अब 400 रुपये तक हो गई है। इसका असर अब दवाइयों की कीमतों पर भी पड़ना तय है। उन्होंने बताया कि अब जो हालात बन रहे हैं, उसमें कच्चा माल आने का भी संकट खड़ा हो गया है।

वहीं, भगवानपुर इंडस्ट्री एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव सदस्य तरुण सुराना ने बताया कि यूक्रेन में छिड़े युद्ध से पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी हो रही है और प्लास्टिक के दाने की कीमत पेट्रोलियम के दामों के आधार पर तय होती है। उन्होंने बताया कि अब तक प्लास्टिक के दाने की कीमत में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। जो प्लास्टिक का दाना पहले 130 से 220 रुपये किलो तक मिल रहा था वह अब 140 से 245 रुपये तक पहुंच गया है।

ऐसे में अब प्लास्टिक दाने से जुड़ें उद्योगों में कच्चे की माल की मांग बढ़ गई है। उन्होंने खुद माल की डिमांड दोगुनी कर दी है। क्योंकि, हालात यही रहे तो आने वाले समय में कच्चे माल के दाम और बढ़ेंगे। साथ ही माल की कमी भी आ सकती है।

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