Uttarakhand

12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल के दो महीने शेष

  • 66 हजार पंचायत प्रतिनिधियों के लिए 12 जिलों में होगा चुनाव 
  •  त्रिस्तरीय पंचायतों का जुलाई में खत्म हो रहा कार्यकाल
  • हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल वर्ष 2021 में होगा खत्म

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून: उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने में दो माह का वक्त है, राज्य के 12 जिलों में ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों के 66344 पदों पर चुनाव होना है। इसके बाद उपप्रधानों, क्षेत्र पंचायतों के प्रमुख, ज्येष्ठ व कनिष्ठ उपप्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए एकल संक्रमणीय पद्धति से चुनाव होगा।

त्रिस्तरीय चुनाव को देखते हुए पंचायतीराज महकमा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। वर्तमान में पंचायतों में वोटर लिस्ट बनाने की कसरत चल रही है। यही नहीं, विभाग ने वोटर लिस्ट तैयार होने के बाद पंचायत प्रतिनिधियों के पदों के लिए तय होने वाले आरक्षण के मद्देनजर भी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है।

प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़ बाकी जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल जुलाई में खत्म होने जा रहा है। ऐसे में ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों के दावेदारों ने अभी से गोटियां फिट करनी प्रारंभ कर दी हैं। इसमें सबसे अधिक मारामारी गांव की छोटी सरकार यानी ग्राम पंचायत के मुखिया पद के लिए है।

ग्राम प्रधान पदों की संख्या 7491 है। इसके अलावा ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए 55508 सदस्य भी चुने जाएंगे। यही नहीं, जिला और क्षेत्र पंचायतों की सरकार के गठन के लिए 357 जिला पंचायत सदस्य और 2988 क्षेत्र पंचायत सदस्यों का भी चुनाव होना है। इन सभी पदों के लिए मतदान होगा।इसे देखते हुए पंचायती राज विभाग भी चुनाव की तैयारियों में जुट गया है।

विभाग के अपर निदेशक मनोज तिवारी के मुताबिक वर्तमान में पंचायतों में मतदाता सूचियों को पुनरीक्षित करने का कार्य चल रहा है। मतदाता सूचियां तैयार होने के बाद पंचायतों में आरक्षण तय होना है। इसके लिए भी विभाग अपनी ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है।

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