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AIIMS में दो दिवसीय वर्ल्ड कांग्रेस ऑन क्रोनोमेडिसिन, उत्तराखंड कॉर्डियब कॉन कांफ्रेंस- 2019 संपन्न

कैंसर की दवाइयां कोशिका चक्र पर आधारित : प्रो. रवि कांत

न्यूरोफिजियोलॉजी के प्रो. बी.एस. शंकरनारायण राव को श्यामा कृष्णा मैमोरियल ओरेशन अवार्ड से सम्मानित

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

1300 से अधिक रिसर्च पेपर प्रकाशन कराने वाले डा. आर.बी. सिंह ने बताया कि दिनचर्या व व्यवहार का प्रभाव दिमाग के रास नामक विशेष हिस्से पर पड़ता है, जो कि उच्चरक्तचाप का कारण है।

ऋषिकेश : AIIMS अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में मेडिसिन विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय वर्ल्ड कांग्रेस ऑन क्रोनोमेडिसिन, उत्तराखंड कॉर्डियब कॉन कांफ्रेंस- 2019 शनिवार को विधिवत संपन्न हो गई। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपने अनुसंधान व अध्ययन पर आधारित प्रयोगों पर चर्चा की। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन की सराहना की।

उन्होंने कहा कि कैंसर की दवाइयां कोशिका चक्र पर आधारित हैं। कैंसर कीमोथैरेपी का असर विभिन्न कोशिका चक्र की फेस पर होता है। इस मौके पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने इस बात पर जोर दिया कि अधिक से अधिक साइंटिफिक पेपर क्रोनोमेडिसिन विषय में तैयार किए जाएं,जिससे मेडिकल के क्षेत्र में उचित स्तर पर कामयाबी मिल सके।

कांफ्रेंस में निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने न्यूरोफिजियोलॉजी के प्रो. बी.एस. शंकरनारायण राव को श्यामा कृष्णा मैमोरियल ओरेशन अवार्ड से सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रो. राव ने बताया कि उन्होंने कई प्रयोगों व अध्ययन से सिद्ध किया है कि दुनिया में आने वाले अवसाद (डिप्रेशन) व तनाव( स्ट्रेस ) का दिमाग के किसी विशेष भाग पर बहुत बड़ा दुष्प्रभाव डालता है, उन्होंने इसी प्रयोग का अध्ययन चूहों पर भी किया और पाया कि दिमाग की विशेष तंत्रिकाओं पर अवसाद व तनाव का प्रभाव पड़ता है।

सम्मेलन में 1300 से अधिक रिसर्च पेपर प्रकाशन कराने वाले डा. आर.बी. सिंह ने बताया कि दिनचर्या व व्यवहार का प्रभाव दिमाग के रास नामक विशेष हिस्से पर पड़ता है, जो कि उच्चरक्तचाप का कारण है। इस दौरान उन्होंने कई स्लाइड के माध्यम से मैटाबोलिक सिंड्रोम में नींद की गुणवत्ता की भूमिका, दिमागी तनाव, खाने का समय व शरीर का वजन आदि विषयों पर भी प्रकाश डाला।

इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की बायो कैमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डा. अनीसा आतिफ मिर्जा, डा. जेके शर्मा,डा. मीनल मोहित,डा. शिप्रा भारद्वाज, डा. अनिल गंगवार,डा. गौरव शेखर शर्मा,डा. संतोष,डा. सुनिल सैनी, डा. सुनीता मित्तल,डा. गुंजन त्रिवेदी, डा. मनीष गोयल आदि ने भी व्याख्यान दिया। कांफ्रेंस में आयोजन समिति की अध्यक्ष डा. मीनाक्षी धर,आयोजन सचिव डा. रविकांत,डा. मोनिका पठानिया,डा. राजेश पसरीचा,डा. राजेश काथरोटिया,डा.अनुपमा बहादुर,डा. मुकेश बैरवा,डा. महेंद्र कुमार मीणा,डा. मोहित गर्ग, डा. दिव्यांशी शर्मा,पीएचडी स्कॉलर हीना उसमानी,डाइबिटिक एजुकेटर पंकज आदि ने सहयोग प्रदान किया।

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