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ट्रंप का मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने का आदेश

सात  मुस्लिम देश के लिए बंद होंगे अमेरिका के दरवाजे

भारतीयों को भी प्रभावित करेगी ट्रंप की प्रवासी नीति

 वाशिंगटन  : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने वाले अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अब अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर दीवार बनाई जाएगी। ट्रंप ने घरेलू सुरक्षा विभाग के प्रस्तावित दीवार के निर्माण के लिए राशि जारी करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।मालूम हो कि मेक्सिको की सीमा पर दीवार का निर्माण कराना ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान किया गया एक प्रमुख वादा था। उन्होंने कहा भी कि वो इस बारे में शुरू से बात कर रहे थे। व्हाइट हाउस के मुताबिक ट्रंप ने घरेलू सुरक्षा विभाग का दौरा किया। उन्होंने दक्षिणी सीमा पर एक बड़े बैरियर का निर्माण शुरू करने का आदेश दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना है कि इससे अमेरिका में अवैध प्रवासियों की घुसपैठ पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पॉपुलर वोट में जीत हासिल न करने के लिए भी अवैध प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप ने मंगलवार रात ट्वीट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कल महत्वपूर्ण दिन होगा। कई अन्य कदम उठाने के अलावा हम दीवार का निर्माण कराएंगे।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता स्पाइस के मुताबिक ट्रंप ने दक्षिणी सीमा पर घुसपैठियों के हिरासत के लिए और अधिक जगह बनाने के उपायों पर भी हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि अमेरिका एक बार फिर अपने कानूनों का उल्लंघन करने वाले अवैध प्रवासियों के हिरासत और उनके निर्वासन को प्राथमिकता देने जा रहा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति एक ऐसी नीति लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं, जिससे सीरिया और अन्य मुस्लिम-बहुल देशों से शरणार्थियों के आने पर अस्थायी रूप से रोक लग जाएगी, जिन्हें वह ‘आतंकवादी खतरा’ मानते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने का आदेश दे दिया। इससे संबंधित फैसले पर उन्होंने बुधवार रात हस्ताक्षर भी कर दिए। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने यह वादा भी किया था। आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही वे सात मुस्लिम देशों के  लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी की भी घोषणा कर सकते हैं।

ओबामा प्रशासन की नीतियों के खिलाफ लिए जाने वाले फैसलों की कड़ी में अब राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर अमेरिका में बसे प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसी के साथ शरणार्थियों के अमेरिका में बसने के रास्ते भी अस्थायी रूप से बंद हो जाएंगे। इतना ही नहीं, ट्रंप अमेरिका-मैक्सिको के बीच उस विवादित दीवार के निर्माण का आदेश भी जारी करेंगे जिस पर प्रवासी काफी समय से आशंकित थे। प्रस्तावित आदेश से इस्लामिक देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया के नागरिक प्रभावित हो सकते हैं। एबीसी न्यूज के मुताबिक ट्रंप सात इस्लामी देशों के साथ प्रवासी संबंध ‘अस्थायी’ अथवा ‘अनंतकाल’ तक खत्म कर सकते हैं।

 इन देशों में इराक, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन शामिल हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति एक ऐसी नीति लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं जिससे सीरिया व अन्य इस्लामी आबादी बहुल देशों से शरणार्थियों के आने पर अस्थायी रूप से रोक लग जाएगी।

उल्लेखनीय है कि ट्रंप इस्लामी शरणार्थियों को ‘आतंकी खतरा’ मानते हैं। ट्रंप ने देर रात ट्वीट किया कि – ‘राष्ट्रीय सुरक्षा योजना पर बृहस्पतिवार एक महत्वपूर्ण दिन होगा। हम दीवार का निर्माण करने के अलावा कई अन्य बातों पर विचार करेंगे।’

मैक्सिको के राष्ट्रपति पेना नीटो की इसी माह के अंत में होने वाली अमेरिकी यात्रा के संबंध में वहां के विदेश मंत्री लुईस वाइडगारे वाशिंगटन पहुंच रहे हैं। इसी दौरान गृह सुरक्षा विभाग की मौजूदगी में ट्रंप विवादित दीवार के लिए बने कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करेंगे। इस दीवार के निर्माण के लिए ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के समय से जोर देते रहे हैं। जिन लोगों ने इस आदेश को देखा है उनके मुताबिक ट्रंप के आदेश में ग्वांतनामो खाड़ी के कैदियों के हिरासत और मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकी संगठन के रूप में नामित करने की समीक्षा भी शामिल है।

 ट्रंप एक तरफ तो मैक्सिको दीवार को बनाने का आदेश देकर अमेरिका में अवैध रूप से आने वाले प्रवासियों की आबादी नियंत्रित करना चाहते हैं और दूसरी तरफ देश में वैध प्रवासियों पर भी लक्ष्य साधना चाहते हैं।

चालू सप्ताह के अंत तक इस बारे में कोई फैसला भी आ सकता है। यदि वैध प्रवासियों पर कोई फैसला आता है तो उससे भारतीय युवा भी बड़ी हद तक प्रभावित होंगे। इसके तहत ट्रंप दुनिया के कई देशों से यहां आकर बसने वाले प्रवासियों की जांच कर वर्तमान में जारी प्रक्रिया में जबरदस्त कटौती कर सकते हैं। ट्रंप एच 1-बी वीजा नीति को संशोधित कर सकते हैं, जिससे भारतीय युवाओं को अमेरिका में रोजगार के अवसर प्रभावित होंगे।

devbhoomimedia

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