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सही मायनों में “भारत के आम आदमी का बजट” : डॉ निशंक 

बजट 2017 : समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए समावेशी और व्यावहारिक – डॉ निशंक 

देहरादून  : उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से लोकसभा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को संसद में पेश आम बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह बजट समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए समावेशी और व्यावहारिक बजट है. यह बजट सबका साथ, सबका विकास और सर्व जनकल्याण की भावना के साथ प्रस्तुत किया गया है. 2017 का आम बजट भविष्य के सुनहरे भारत की बुनियाद है. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली जी को बधाई देता हूँ.

 उन्होंने कहा कि सरकार ने मध्यवर्गीय तबके की लम्बे समय से चली आ रही टैक्स स्लेब में बढाने की मांग को पूरा करते हुए बड़ी राहत दी है. स्टार्टअप के लिए कंपनियों को टैक्स सीमा में सात साल के लिए छूट सरकार ने नवोन्मेषी उद्यमों को बढ़ावा दिया है. 3 लाख से ज्यादा का कैश लेनदेन बंद होना, राजनीतिक पार्टियों को अब 2 हजार रुपये से ज्यादा चंदे का हिसाब प्रस्तुत करना, बेहतर अर्थव्यवस्था के साथ साथ स्वच्छ राजनीती की तरफ अची शुरुआत है. 
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किफायती दरों पर घर उपलब्ध कराने के लिए भी प्राविधान किया है। बुनियादी अवस्थापना विकास हेतु हाइवे निर्माण के लिए 64 हजार करोड़ रुपये के लिए प्रावधान किया गया है. ग्रामीण एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 2017-18 में 1,87,223 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के साथ ही दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के लिए 2017-18 में 2,814 करोड़ रुपये तथा 2017-18 में मनरेगा के लिए 48,000 करोड़ रुपये का प्रावधान कर साकार ने आम आदमी का विशेष ख्याल रखा है. किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण का लक्ष्य रखकर, फसल बीमा के लिए 9 हजार करोड़ का प्राविधान करके, नाबार्ड के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान तथा नाबार्ड के तहत सिंचाई के लिए लंबे टर्म के लिए 30 हजार करोड़ को बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.
 
रेलवे में सुविधाओं के विकास के लिए 3500 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बनाने, 2019 तक सभी ट्रेनों में बायो टॉइलट लगवाने, पर्यटन और तीर्थयात्रा के लिए अलग ट्रेनों की व्यवस्था करने का प्राविधान प्रशंसनीय है. ई-टिकट पर सर्विस टैक्स समाप्त करके आम यात्रियों को रहत दी गयी है.
 
बजट में वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, एवं अल्पसंख्यकों के कल्याण का विशेष ध्यान रखा गया है. IIT और नैशनल एंट्रेंस टेस्ट जैसी परीक्षाओं के लिए नई बॉडी के प्राविधान के साथ सरकार ने पारदर्शी परीक्षा तंत्र स्थापित करने की दिशा में कदम उठाये हैं. सरकार ने किसान, गांव,युवा, गरीब, इन्फ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय क्षेत्र, डिजिटल इंडिया, पब्लिक सर्विस, खर्च पर संयम और सरल टैक्स पर फोकास रखकर समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा है.
 
यह बजट सही मायनों में “भारत के आम आदमी का बजट” है 

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