LAW & ORDERs

सुशासन और जनसेवाओें की पारदर्शिता तीन सालों में हुई कितनी सफल !

सुशासन दिवस पर विशेष …..

दो वर्ष पूर्व 25 दिसम्बर, 2017 को हुआ था सीएम-डैशबोर्ड का लोकार्पण

Key performance indicator का क्या रहा असर 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न, स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिन को प्रतिवर्ष सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरकार के कार्यों में सुशासन व गतिशीलता लाने के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा आज से दो वर्ष पूर्व 25 दिसम्बर, 2017 को सीएम-डैशबोर्ड का लोकार्पण किया गया था। जिससे इसके माध्यम से आम जनता तक सरकार की योजनाओं व कार्यों की भी जानकारी उपलब्ध हो सके तथा जनसेवाओें को पारदर्शिता के साथ लागू करने, व्यवस्थित व सकारात्मक ढ़ंग से लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सके।

इसी योजना के तहत विगत 2 वर्षों में कुल 32 विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों को उनके आउटकम के आधार पर समीक्षा की जा रही है। इससे शासकीय कार्यों की कार्यप्रणाली में सुधार तो हुआ ही है और अधिकारियों के कार्यों की तथा सरकारी योजनाओं की समीक्षा करना भी अत्यन्त आसाना हो गया है। इस डैसबोर्ड के माध्यम से विभागों के key prerfomance indicator भारत सरकार के प्राथमिकता के कार्यक्रम तथा राज्य सरकार की प्राथमिकता का एक ही प्रोटल पर अवलोकन तथा इनकी समीक्षा हो पा रही है।

मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड शासन द्वारा राज्य में गर्वनेस को आउटकम के आधार पर समीक्षा करने तथा अधिकारियों के मुल्यांकन हेतु डैसबोर्ड के key prerfomance indicator सभी अधिकारियों के वार्षिक गोपन प्रविष्टि का हिस्सा बनाये गये हैं। जो वर्ष 2019-20 से प्रारम्भ किया जा चुका है।

इसी के साथ राज्य सरकार के संस्थानों में बेहतर कार्य संस्कृति को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार’ योजना संचालित की गयी है। यह पुरस्कार उत्तराखण्ड राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में कार्यरत नियमित कार्मिकों में से चयनित कार्मिकों का दिया जाएगा। इस वर्ष से यह पुरस्कार सचिवालय में कार्यरत कर्मचारियों को भी दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। इसमें उत्तराखण्ड सचिवालय, उत्तराखण्ड विधानसभा सचिवालय, उत्तराखण्ड राज्यपाल सचिवालय, राज्य योजना आयोग, राज्य वित्त आयोग, समाज कल्याण नियोजन प्रकोष्ठ एवं अन्य कार्यालय जो उत्तराखण्ड सचिवालय के कार्य संचालन से सीधे जुड़े हैं और उत्तराखण्ड सचिवालय परिसर में स्थित है, में कार्यरत सभी नियमित कार्मिक शामिल हैं।

यह पुरस्कार वर्ष 2018-19 (01 अपै्रल, 2018 से 31 मार्च, 2019) में किये गये सर्वश्रेष्ठ कार्यों के लिए प्रदान किया जाएगा। गत तीन वर्षों के अंतर्गत किए गए किसी भी अभिनव कार्य के लिए की गयी पहल को भी सम्मिलित किया जा सकता है, जो गत वर्ष भी क्रियान्वित हो रहा हो। इस योजना के आवेदन 02 दिसम्बर, 2019 तक प्राप्त कर उनका परीक्षण किया जा रहा है। इस हेतु श्री एन.रविशंकर, (सेवानिवृत्त मुख्य सचिव), श्रीमती रेणुका मुट्टु, (सेवानिवृत्त, आई.पी.एस.) एवं श्री डी. के. कोटिया, (सेवानिवृत्त प्रमुख सचिव) की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जो समस्त कार्मिकों द्वारा आवेदन के साथ प्रस्तुत अभिलेख एवं प्रस्तुतिकरण का मूल्यांकन करके कार्मिकों की मैरिट लिस्ट शासन को प्रस्तुत करेगी। पुरस्कार हेतु कार्मिकों के चयन का अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री जी द्वारा किया जाएगा। यह पुरस्कार 26 जनवरी, 2020 को चयनित कार्मिकों को प्रदान किया जाएगा।

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