हिमालयन हाॅस्पिटल में सुरक्षित रक्त संचरण को लेकर प्रशिक्षण शुरू
चार दिवसीय प्रशिक्षण में गढ़वाल मंडल के मेडिकल आफिसर हुये शामिल
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । हिमालयन हाॅस्पिटल जौलीग्रांट के ब्लड बैंक की ओर से उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के तत्वावधान में गढ़वाल मंडल के मेडिकल आफिसर के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उन्हें सुरक्षित रक्त संचरण से लेकर ब्लड कंपोनेट के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मंगलवार को हिमालयन हाॅस्पिटल ब्लड बैंक की ओर से गढ़वाल मंडल के मेडिकल आफिसर को ब्लड कंपोनेंट व सुरक्षित रक्त संचरण को लेकर चार दिवसीय राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के तहत दिये जा रहे प्रशिक्षण का शुभारंभ हो गया।
मुख्य अतिथि डाॅ. सरोज नैथानी अपर परियोजना निदेशक युसैक्स ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि सुरक्षित रक्त आम जनता को उपलब्ध कराना प्रशिक्षण का उद्देश्य है। प्रतिभागी यहां ज्यादा से ज्यादा सीखे और उसे व्यवहार में लाये, तभी कार्यशाला की उपयोगिता साबित होगी।
हिमालयन हाॅस्पिटल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डाॅ. एस.एल. जेठानी ने प्रतिभागियों से प्रशिक्षण के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा सीखने की बात कही। जिससे इसका लाभ आम लोगों को मिल सके।
डीन मेडिकल काॅलेज डाॅ. मुश्ताक अहमद ने कहा कि रक्त संचरण के क्षेत्र में कई तरह के शोध हो रहे है। प्रतिभागी उन्हें व्यवहार में लाये तभी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम की सार्थकता है।
इससे पूर्व पैथोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ. अनुराधा कुसुम ने उपस्थित मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया। प्रशिक्षण के पहले दिन ब्लड बैंक के डाॅ. मनीष रतूड़ी ने प्रतिभागियों को बताया कि खून में मुख्यतः चार कंपोनेंट होते है, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार मरीज को चढ़ाया जा सकता है। कंपोनेंट में आरबीसी (रेड ब्लड कार्पल), प्लेटलेट्स, प्लाजमा और क्रायोप्रेसिपिटेट शामिल हैं। हीमोग्लोबिन कम होने पर मरीज को आरबीसी एवं डेंगू होने पर मरीज को प्लेटलेट्स, लीवर के मरीज को प्लाजमा और बिल्डिंग नहीं रूक रही हो तो क्रायोप्रेसिपिटेट चढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रक्त लेने से पहले रक्तदाता की पूर्ण जांच करना अति आवश्यक है। इस अवसर पर सहायक निदेशक प्रदीप हटवाल, टेक्निकल एक्सपर्ट जितेन्द्र पाण्डेय, दीपक तिवारी उपस्थित थे।