यात्रा कार्यालय ऋषिकेश से देहरादून शिफ्ट करने का तुगलकी फरमान
- गढ़वाल मंडल विकास निगम प्रबंधन के खिलाफ एक जुट हुए कर्मचारी
- लाभ में चल रहे पर्यटक आवास गृहो को निजी क्षेत्र में दिये जाने का विरोध
- 4 माह से दूरदराज कर्मचारियों को वेतन आदि का भुगतान नहीं
- निगम के पर्यटक आवासगृहों की स्थिति अभी भी खराब
- चारधाम यात्रा प्रभावित कर सकता है निगम कर्मचारियों का रोष
- निगम घाटे के लिए प्रबंधन पूरी तरह जिम्मेदार : कर्मचारी संगठन
- कर्मचारियों के हित के साथ निगम को बचाने की जिम्मेदारी जरूरी
- ट्रान्सफर निगम प्रबंधन का अधिकार पर उत्पीड़न नहीं बर्दाश्त
ऋषिकेश : गढ़वाल मण्डल विकास निगम के कर्मचारियों ने पिछले कई दिनों से चल रही तमाम अटकलों के आधार पर चुप्पी को तोड़ते हुये निगम प्रबंधन के खिलाफ त्वरित प्रभाव से बैठक आहूत कर अपने गुस्से का इजहार कर दिया।कर्मचारी संघ के द्वारा आहूत इस बैठक में काफी संख्या में कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति देकर अपना पूरा समर्थन निगम को बचाने के लिए दिया। यात्रा कार्यालय में आहूत इस बैठक में कर्मचारियों ने एकजुटता के साथ निगम को बचाने का संकल्प दोहराया।
उन्होंने कहा कि निगम की स्थापना स्वर्गीय हेमवतीनंदन बहुगुणा ने युवाओ के पलायन रोकने और रोजगार प्रदान करने के लिये 1976 में कर विकास का मार्ग प्रस्तुत किया इन 42वर्षो से यात्रा का संचालन करने वाला यात्रा कार्यालय को ही निगम प्रबंधन देहरादून शिफ्ट करने का प्रयास कर रहा है जो कि प्रबंधन का अविवेकपूर्ण और तुगलकी निर्णय है। चारधाम यात्रा का संचालन ऋषिकेश से प्रारम्भ होता है ना कि देहरादून से। निगम के इस गलत निर्णय से निगम का व्यवसाय काफी प्रभावित होगा। यात्रा कार्यालय के तीन महत्वपूर्ण पटल है जिनमे परिवहन, पैकेज ओर अतिरिक्त टुअर समेत अग्रिम आवास आरक्षण महत्वपूर्ण है।अगर इनमे से किसी भी पटल को अन्यत्र शिफ्ट किया जाता है तो इसके परिणाम बहुत ही गलत निगम को भुगतान पड़ेंगे। बैठक में वरिष्ठ प्रबन्धक रामस्वरूप नौटियाल ने कहा कि आज कर्मचारियों में एकता का होना जरूरी है। निगम की तीनों यूनियनों को एक होकर निगम को बचाने का कार्य करना चाहिये। प्रबंधन गलत निर्णय थोप कर निगम को बंद करने की कवायद कर रहा है।
उन्होंने युवाओ को कहा कि आपका भविष्य है इस बजट को लेकर आपको प्रयास करना चाहिये वरना आपका भविष्य खतरे में है।पुराने अनुभवी लोग तो सेवानिवृत्त होने की कतार में लगे है। आपको जिम्मेदारी लेनी चाहिये प्रबंधन का निर्णय न तो निगम हित है और न ही प्रदेश के ही हित में है । सूर्य प्रकाश विश्वास ने कहा कि आज जहाँ देखो निगम प्रबंधन की चर्चा सभी की जुवान में है और इससे सभी आहत है।यात्रा कार्यालय को शिफ्ट करने की कवायद हो या पर्यटक आवास गृहो को बाहरी लोगों को दिए जाने समेत जन सम्पर्क कार्यालयों से संबंधित समस्याएं है। इससे कर्मचारी खासे नाराज है। निगम प्रबंधन को चाहिये कि पर्यटन में सुधार के लिये बेहत्तर तालमेल के साथ काम करे ना कि निगम के हित को नुकसान पहुँचाने की नीति के तहत कार्य योजना बनाकर कर्मचारियों में तनाव और भय का वातावरण पैदा करे। ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि पिछले कई सालों से सरकार और निगम प्रबंधन निगम कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है जिसे किसी को भी सहन नही करना चाहिए ।निगम को बचाने की हर सम्भव कोशिश की जानी चाहिये।इसके लिए सबका साथ आवश्यक है।
इस सभा मे पुरूषोत्तम बन्दोलिया ने कहा कि निगम प्रबंधन हमे जहाँ भेजे हम जाने को तैयार है किंतु यात्रा कार्यालय की यूनिट को शिफ्ट करने न्याय नही अन्याय है। 4 माह से कर्मचारियों को वेतन भुगतान नही हो पा रहा है ।कर्मचारी इस निर्णय से बहुत परेशान है वही दूसरी ओर तरह तरह की भ्रांतियां फैलाकर दहशत का वातावरण बनाया जा रहा है ।उन्होंने सभी को एकजुट होने को कहा है ताकि हम निगम को सही पटरी पर ला पाये। चम्पा सती ने कहा कि प्रबन्धक तभी है जब वहाँ के कर्मचारियों की बेजोड़ मेहनत शामिल है।
उन्होंने समय से कर्मचारियो को वेतन भुगतान की मांग निगम प्रबंधन से की साथ ही यात्रा कार्यालय समेत सभी गलत निर्णयों पर सोच विचार के साथ फैसले लिए जाने की सिफारिश की। प्रेमलाल भट्ट ने भी प्रबंधन के निर्णयों की आलोचना कर सभी को आर पार की लड़ाई लड़ने को आगे आने को कहा।मेघनाथ ने कहा कि हम 4 माह से वेतन ना मिलने से परेशान है।लगस्टार अपनी सेवाएं निगम को दे रहे है और व्यवसाय भी अर्जित कर रहे है फिर भी वेतन से वंचित है। घर का पूरा माहौल कष्ट दायक है बच्चे की फीस,स्कूल ड्रेस,किताब,राशन,पानी,बिजली,मकान किराया ऐसे ख़र्चे है जो तत्काल जरूरी है।
निगम प्रबंधन द्वारा ये समस्या जारी कर बच्चे का मानसिक संतुलन प्रभावित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर 5 तारीख तक वेतन के सम्बंध में निर्णय नही किया जाता तो फिर हम अन्य विकल्प अपनाने को बाध्य हो जायेंगे। कर्मचारी संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनमोहन चौधरी ने कहा कि निगम प्रबंधन लगातार गलत निर्णय कर्मचारियों पर थोपने का कार्य कर रहा है ।उन्होंने कहा किसी भी हालात में गलत निर्णय स्वीकार नही किये जायेंगे। निगम को बचाने की जिम्मेदारी हम सब की है ।चारो ओर समस्याए व्याप्त है ।भय का वातावरण बनाया जा रहा है और कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है जो सहन नही किया जा सकता ।वहीँ कर्मचारी संघ,कर्मचारी संगठन सीटू ओर प्रबंध वेलफ़ेयर एसोसिएशन साथ मिलकर बैठक कर अपनी विरोध की रणनीति तैयार करने में जुट चुके हैं।