टिहरी झील में पर्यटकों की जान पर खतरा

अप्रशिक्षित लोग चला रहे मोटर बोट
देहरादून : टिहरी बांध की झील में बोट संचालक पर्यटकों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। लंबे समय से 19 बोटें बिना लाइसेंस और 20 बोटें बगैर लाइसेंस नवीनीकरण के ही संचालित हो रही है। कई बोटों का बीमा, फीटनेस प्रमाणपत्र भी नहीं है। केवल 12 बोट चालकों के पास ही बोटिंग संचालन का अनुभव प्रमाणपत्र है।
लेकिन जिला प्रशासन एवं टाड़ा बोट मालिकों के सामने बेबस नजर आ रहा है। अधिकारियों को सब जानकारी के होने के बाद भी रसूकदार बोट मालिकों पर हाथ डालने को तैयार नहीं है। यहां तक कि बिना लाइफ जैकेट के ही पर्यटकों को बोटिंग कराई जा रही है।
दिसंबर 2014 से टिहरी बांध की विशालकाय झील में व्यवसायिक बोटों का संचालन शुरू हुआ था। वर्तमान में झील हजारों की संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक बोटिंग करने को पहुंच रहे हैं। बोट संचालक प्रति व्यक्ति आधे घंटे का तीन सौ रुपए किराया लेकर बोटिंग करवा रहे हैं।
लेकिन पर्यटकों को यह मालूम नहीं है कि जिन बोटों में वह झील का दिदार कर रहे हैं, वह सुरक्षित भी है कि नहीं। झील में करीब 45 छोटी-बड़ी बोटें चल रही है। बावजूद 19 बोट मालिकों ने बिना टाड़ा से लाइसेंस लिए ही बोटें झील में उतार कर चांदी काट रहे हैं। जबकि 20 बोटें चार माह से बगैर लाइसेंस नवीनीकरण के चल रही है।
संचालित की जा रही बोटों में से केवल 12 चालकों के पास ही नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाटर स्पोर्टस संस्था पणजी गोआ का प्रशिक्षण प्रमाणपत्र है। अन्य बोटों को बिना प्रशिक्षित चालक ही चला रहे हैं। कई बोटों का बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र, सर्वेयर से पिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं है।
इससे बोटिंग गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बनाए गए टाड़ा (टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण) की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं, कि आखिरकार बिना लाइसेंस, नवीनीकरण समेत बीमा के बगैर चल रही बोटों पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जा रहा है। ऐसे में यदि बोटिंग के दौरान कोई दुर्घटना घटती है, तो इसके लिए किसे जिम्मेदार माना जाएगा।
लाइसेंस नवीनीकरण एवं लाइसेंस न लेने वाले बोट संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए बोटों का सत्यापन शुरू करवा दिया गया है। झील में बोट संचालन के नाम पर नियमों को ताक पर रखने वाले बोट संचालकों को बाहर किया जाएगा। इस संबंध में एसडीएम टिहरी को निर्देश दिए गए हैं।
-इंदुधर बौड़ाई, डीएम एवं सीईओ टाड़ा
मामले में विधायक टिहरी धन सिंह नेगी का कहना है कि बिना लाइसेंस व बगैर नवीनीकरण के बोट संचालन गंभीर लापरवाही है। कुछ दिन पूर्व बोटिंग एवं टाड़ा के निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाई गई थी। जिला प्रशासन एवं टाड़ा को सप्ताह के अंदर लाइसेंस नवीनीकरण एवं नए लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।