खाने में लहसुन के प्रयोग से कोविड-19 जैसी वायरस जनित बीमारियों का किया जा सकता है प्रभावी मुकाबला
लहसुन की एक फांक में पाया जाता है पांच से 10 मिलीग्राम तक एक्टिव कम्पाउंड एलिसिन
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) के वैज्ञानिकों ने लहसुन (गार्लिक) के इस्तेमाल से वायरस संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम को लेकर पहली बार आणविक स्तर का सबूत जुटाया है। वैज्ञानिकों का निष्कर्ष है कि खाने में लहसुन के प्रयोग से कोविड-19 जैसी वायरस जनित बीमारियों का प्रभावी मुकाबला किया जा सकता है।
अभी तक ये माना जाता रहा है कि पारम्परिक रूप से हल्दी, प्याज, तुलसी, अदरक, दालचीनी, लौंग, काली मिर्च जैसे आम रसोई में इस्तेमाल होने वाले खाद्य सामग्री इन्यूनिटी से मुकाबले में मददगार साबित होती है। मगर ये शरीर के भीतर किस तरह कैमीकल रिएक्शन करते हैं इसके बारे में जानकारी नहीं थी।
आईआईपी के वैज्ञानिक डा. अनिल सिन्हा ने अपने शोध में पता लगाया है कि, लहसुन की एक फांक खाने पर बायोमॉलीक्यूल एलाइल मिथाइल सल्फाइड शरीर के हरेक महत्वपूर्ण हिस्से में कुछ देर में पहुंच जाता है और पूरा दिन वायरस से लड़ता रहता है। लहसुन की एक फांक में पांच से 10 मिलीग्राम तक एक्टिव कम्पाउंड एलिसिन पाया जाता है। जो शरीर में वायरस के खिलाफ अनूठी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर देता है।
उनका सुझाव है कि इस समय कोरोना जैसे वाइरल संक्रमण से बचने के लिए लोगों को अपनी डाइट में लहसुन के प्रयोग को एक निश्चित मात्रा में बढ़ा देना चाहिए। इससे वायरस के खिलाफ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
अंर्तराष्ट्रीय जर्नल बायोमॉलीक्यूलर स्ट्रक्चर एंड डाइनामिक्स में डा.अनिल सिन्हा, सलीम ए फारुकी, अंकिता शर्मा, अंकित मिश्रा, विकास वर्मा का ये शोध पत्र ‘रिएक्टिविटी ऑफ एलाइल मिथाइल सल्फाइड, द इन-विट्रो मेटाबॉलिक ऑफ गार्लिक, विद सम अमीनो एसिड्स एंड विद फोस्फोलिपिड इन्वोल्वड इन वाइरल इन्फेक्शन्स’ प्रकाशित हुआ है।