TEMPLES

तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट विधिविधान के साथ हुए बंद

शीतकाल में अब गद्दीस्थल मक्कू मठ में होंगे बाबा तुंगनाथ के दर्शन 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
उखीमठ : तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बुधवार को परंपरागत तरीके से विधि विधान के साथ महाभिषेक पूजा संपन्न होने के बाद 11:30 बजे आगामी ग्रीष्मकाल तक के लिए बंद कर दिए गये हैं। मंदिर के प्रबंधक प्रकाश पुरोहित ने बताया कि धाम में करीब साढ़े चार हजार श्रद्धालु अभी तक दर्शन कर चुके हैं। वहीं पुजारी रवींद्र मैठाणी, संजय मैठाणी व अन्य पुजारियों की मौजूदगी में मठापति राम प्रसाद मैठाणी के हाथों मंदिर के कपाट शीतकाल के बंद करने के संकल्प के साथ पूजा-अर्चना की गई। 
बुधवार प्रातः छह बजे आराध्य के स्वंभू लिंग को समाधि रूप देकर भव्य श्रृंगार किया गया और पूजा की गयी , सुबह साढ़े दस बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली को सजाने का कार्य शुरू हो गया था जिसे साढ़े 11 बजे मंदिर प्रांगण में लाकर रखा गया।जिसमें बाबा तुंगनाथ की मूर्ति को चल विग्रह डोली में लाकर मंत्रोच्चार के साथ रखी गयी और कपाट आगामी ग्रीष्म काल तक के लिए कपाट खुलने की तिथि तक बंद कर दिए गए। इसके बाद बोल बम हर हर महादेव और तुंगनाथ बाबा की जयकारे के साथ चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कू मठ के लिए चली ।
वहीं डोली के चोपता पहुंचने पर देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, कोषाध्यक्ष आरसी तिवारी एवं स्थानीय जनता द्वारा उत्सव डोली का स्वागत किया गया।इसी के साथ मक्कूमठ में तृतीय केदार तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी। इस यात्रा वर्ष में साढ़े चार हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए।

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