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भारत और नेपाल दोनों देश के संस्कार व  रीति रिवाज एक : जगद्गुरु भीमाशंकर लिंग

भारत -नेपाल संबंध आज के नहीं है अपितु हजारों वर्षों से  हैं : जगद्गुरु

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

काठमांडू :  जगद्गुरु भीमाशंकर लिंग जी केदारनाथ के रावल का नेपाल दौरे पर जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया, इस दौरान उन्होंने भक्तपुर स्थित ” डोलेश्वर महादेव ” में पूजा अर्चना करने के पश्चात जंगम मठ का निरीक्षण किया। 

काठमांडू प्रवास में जगद्गुरु ने पशुपतिनाथ में भी पूजा अर्चना की, मकर संक्रांति के पावन पर्व पर चितवन जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध ” देव घाट ” में जाकर काली गंडगी( सालिग्राम के लिये प्रसिद्ध) में लाखों श्रद्धालुओं संग नेपाल के सबसे पवित्र संगम में स्नान कर पूजा अर्चना की व भक्तों को आशीर्वाद दिया। 

दोपहर बाद जगद्गुरु भीमाशंकर लिंग जी हेलीकाप्टर द्वारा मध्यबिंदू नवलप्रासी जिले में पहूंचे जहां अपार जनसमूह ने उनका भव्य स्वागत किया, कार्यक्रम में प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि भारत -नेपाल संबंध आज के नहीं है अपितु हजारों वर्षों के हैं, उन्होंने कहा केदारनाथ स्थित भगवान शिव का सिरो भाग नेपाल में, दोनों देश के संस्कार व  रीति रिवाज एक हैं, जगद्गुरु ने कहा नेपाल एक हिंदू राष्ट्र है जिसे कोई नकार नहीं सकता

जगद्गुरु भीमाशंकर लिंग शिवाचार्य ” रावल केदारनाथ ” के अनुसार केदारनाथ जी का शिरो भाग ” डोलेश्वर महादेव ” जो नेपाल कि राजधानी से 15 किमीo कि दूरी पर भक्तपुर में स्थापित है, अगर गौर से देखें तो “भगवान शिव” का मुख नजर आयेगा। 

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