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दुर्घटना पर घायल को जल्द से जल्द ट्रॉमा सेंटर पहुंचाना चाहिए ताकि अंगों को कटने से बचाया जा सके

प्रत्येक सर्जन को आना चाहिए इमरजेंसी वेस्कुलर सर्जरी कांसेप्ट

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

ऋषिकेश : AIIMS भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में चार दिवसीय इमरजेंसी वेस्कुलर सर्जरी कार्यशाला विधिवत शुरू हो गई।जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ट्रॉमा के मामलों में इमरजेंसी वेस्कुलर सर्जरी का महत्व बताया। उनका कहना है कि कोई भी दुर्घटना होने पर मरीज को जल्द से जल्द ट्रॉमा सेंटर पहुंचाना चाहिए, जिससे समय रहते उसकी वेस्कुलर सर्जरी की जा सके और मरीज के महत्वपूर्ण अंगों हाथ-पैर आदि को कटने से बचाया जा सके।

एम्स संस्थान के मेडिकल एजुकेशन विभाग में ट्रॉमा सर्जरी विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला का बुधवार को मुख्य अतिथि निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर निदेशक एम्स ने कहा कि इमरजेंसी वेस्कुलर सर्जरी कांसेप्ट प्रत्येक सर्जन को आना चाहिए, उन्होंने बताया कि ट्रॉमा के ऐसे मामलों में एक्सपर्ट लोगों की बजाए त्वरित सर्जरी की नितांत आवश्यकता होती है।

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि हमेशा ऐसी सिचुवेशन में एक्सपर्ट चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो पाते हैं,लिहाजा ऐसी स्थिति में बेसिक सर्जरी जूनियर रेजिडेंट्स व एसआर चिकित्सकों को आनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इसके लिए कई बेसिक वेस्कुलर सर्जरी कोर्स उपलब्ध हैं,जिनमें से एक कोर्स की संस्थान में कार्यशाला आयोजित की गई है। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि इमरजेंसी के मामलों को लेकर इस तरह की कार्यशालाएं नियमिततौर पर होनी चाहिंए।

उन्होंने बताया कि एक्सीडेंटल वेस्कुलर सर्जरी में हरेक ट्रॉमा रेजिडेंट डॉक्टर की दक्षता होनी चाहिए, उसके लिए दूसरी सुपर स्पेशलिटी जैसे कॉर्डियक थोरेसिक, प्लास्टिक सर्जरी का इंतजार किए बिना मरीज की सर्जरी कर लेनी चाहिए। एम्स ट्रामा सर्जरी विभाग के डा.अजय कुमार द्वारा आयोजित कार्यशाला में एनएचएस हड्स लिस्टर ट्रस्ट हॉस्पिटल लंदन के डा. एस. सल्वा कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को सर्जरी की तकनीकिशों पर व्याख्यान दिया व ट्रॉमा के मामलों में वेस्कुलर सर्जरी की महत्व बताया। उन्होंने कार्यशाला मेंप्रतिभागियों को हैंडऑन वर्कशॉप के जरिए हाथों से सर्जरी के गुर भी सिखाए। उन्होंने बताया कि भारत में गिने-चुने स्थानों पर वेस्कुलर सर्जरी हो रही है, जबकि इंग्लैंड में यह विधा सुपरस्पेशलिटी सर्विस के तौर पर स्थापित है।

डा. एस.सल्वा कुमार ने बताया कि उनका सपना है कि वह भारत में अधिकाधिक रेजिडेंट्स चिकित्सक को वेस्कुलर सर्जरी में ट्रेंड करें, जिससे ट्रॉमा की घटनाओं के बाद मरीज के हाथ-पैर जैसे महत्वपूर्ण अंगों को बचाया जा सके। वेरीकोज वेंस सर्जरी के विशेषज्ञ डा. गुलशनजीत सिंह ने सर्जरी की नई तकनीकियों की जानकारी दी।

एम्स के ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम ने उत्तराखंड में होने वाली वेस्कुलर इंजरी की जानकारी दी व बताया किसंस्थान में पिछले छह महीने से 20 से अधिक वेस्कुलर इंजरी के मरीज आए हैं। जिनमें से समय पर अस्पताल पहुंचाए गए मरीजों की सर्जरी पूरी तरह से सफल रही, मगर विलंब से अस्पताल पहुंचाए गए कई मरीजों के हाथ व पैर जैसे महत्वपूर्ण अंग काटने पड़े।

प्रो. आजम ने बताया कि पहाड़ृृी क्षेत्रों में एक्सीडेंट होने पर मरीज को जल्द से जल्द एम्स के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया जाना चाहिए,जिससे सही वक्त पर मरीज की सर्जरी कर महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षित किया जा सके। बताया कि कईदफा सही वक्त पर मरीज की सर्जरी नहीं होने पर अंगों को काटना पड़ता है,जिससे मरीज को जीवनभर परेशान होना पड़ता है।

कार्यशाला में डा. मधुर उनियाल,डा. विशाल मागो, डा. नम्रता गौर,डा. अमूल्य रतन,डा. अजय कुमार, डा. उदित चौहान आदि ने व्याख्यान दिए। कार्यशाला में आर्थोपेडिक,रेडियोलॉजी,हेड एंड नैक सर्जरी,काार्डियो थोरेसिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी आदि विभागों के चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डा. अवनीश कटियार, डा. नीरज, डा. रूबी,डा. अजय,डा. नीलेश,डा. राजकुमार आदि ने प्रतिभाग किया।

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