UTTARAKHAND

53526.97 करोड़ के करमुक्त बजट में सरकार ने हर तबके को किया समाहित

पलायन प्रभावी ब्लॉकों में आजीविका और रोजगार को बढ़ावा देने के साथ ही सीमांत क्षेत्रों को खास तरजीह

किसानों, युवाओं, महिलाओं, छोटे कारोबारियों समेत तमाम तबकों को ध्यान में रखकर किया बजट पेश

स्कूलों में सुविधाएं देने को रखी गई बजट में 133 करोड़ की राशि 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

गैरसैंण: त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए 53526.97 करोड़ का करमुक्त बजट पेश किया। अपने चौथे बजट में सरकार ने राजस्व घाटे को काबू करते हुए 49.66 करोड़ का राजस्व सरप्लस बजट प्रस्तावित करने में कामयाब रही है। किसानों, युवाओं, महिलाओं, छोटे कारोबारियों समेत तमाम तबकों को ध्यान में रखकर पेश इस समावेशी बजट में पलायन पर खास फोकस है। पलायन प्रभावी ब्लॉकों में आजीविका और रोजगार को बढ़ावा देने के साथ ही सीमांत क्षेत्रों को खास तरजीह दी गई है।

बजट में साथ में ग्रामीण और शहरी अवस्थापना सुविधाओं को सरकार ने लगातार एजेंडे में बनाए रखा है। स्कूली शिक्षा में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का संकल्प दिखा है। स्कूलों में सुविधाएं देने को बजट में 133 करोड़ की राशि रखी गई है। स्कूलों को 5000 कंप्यूटर दिए जाएंगे। राज्य के भीतर हवाई कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए देहरादून-श्रीनगर-नई टिहरी, हल्द्वानी-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़-धारचूला में हेली सेवा शुरू करने का इरादा जताया है।

बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार शाम चार बजे विधानसभा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री पहला बजट पेश किया। प्रदेश की भाजपा सरकार का यह चौथा बजट और गैरसैंण में दूसरा बजट है। नए वित्तीय वर्ष के बजट में सरकार ने बड़ी घोषणाओं से गुरेज किया, लेकिन इस बात का पूरा ख्याल रखा कि हर तबके की सुध ली जाए। साथ ही विजन-2020 के तहत वर्ष 2020 में जन कल्याण के अपने 25 लक्ष्यों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई। सुशासन व भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को तकनीक की मदद से अंजाम तक पहुंचाने के लिए बजट में संकल्प फिर दर्शाया गया है। सरकारी कार्यप्रणाली को चुस्त-दुरुस्त, समयबद्ध व जवाबदेही युक्त करने को ई-ऑफिस प्रणाली को शीघ्र लागू किया जाएगा।

ई-गवर्नेंस, ई-मंत्रिमंडल प्रणाली का जिक्र करते हुए ई-डिस्टिक्ट पोर्टल पर 100 सेवाएं जल्द मुहैया कराने का भरोसा दिया गया है। बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन का जिक्र और पीएम के डिजिटल इंडिया का खासतौर पर जिक्र किया गया है। नए बजट को सरकार राजस्व सरप्लस रखने में कामयाब रही है। हालांकि राजकोषीय घाटा 7549.74 करोड़ पहुंच गया है। यह घाटा भले ही एफआरबीएम एक्ट की सीमा से कम 2.57 फीसद है, लेकिन इस पर काबू पाना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

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