मुंबई कौथिग से जुड़ा “लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है !” कोरोना अभियान!
“The fight is yet to come, the accounts are yet to be settled!” Corona campaign!
मुंबई में विगत 14 वर्षो से उत्तराखंड के प्रवासी ” कौथिग ” कार्यक्रम का आयोजन कर रहे है और इस बार यह भव्य कार्यक्रम नवी मुंबई स्थित यशवंत राव चौहान स्टेडियम में 24 मार्च से 02 अप्रैल 2023 तक आयोजित किया गया। कौथिग फेस्टिवल में उत्तराखंड के कलाकारों को मंच दिया जाता है व उत्तराखंड के प्रवासियो को प्रदेश से जोड़ने के बीच में एक सेतु के रूप में काम करता है। कौथिग में उत्तराखंड के कलाकार लोक गायक, लोक संगीत उत्तराखंड के व उत्पाद पहाड़ी खाना व्यंजन भोजन आदि का एक अदभुद समागम मुंबई जैसी महानगरी में देखने को मिलता है व हर वर्ष इसमें अनेक प्रकार के समाज के लोग नेता, अभिनेता और अन्य वर्ग लोग इसमें अपना योगदान देते है।
इस बार कौथिग 2023 में उत्तराखंड के सामाजिक कार्यकर्ता देहरादून अभिनव थापर को अतिथि के रूप में भाग लेने का अवसर मिला। उनके अभियान “लड़ाई अभी बाकी हिसाब अभी बाकी है” जिससे कोरोना बिल एकत्रित करने का कार्य के बारे में इस बार ” कौथिग- 2023 ” ने मंच दिया व अभियान में सहयोग करने का आश्वासन दिया।
मुंबई में आयोजित उत्तराखंड प्रवासियों के सुप्रसिद्ध फेस्टिवल – ” मुंबई कौथिग 2023 ” में विशिष्ट अतिथि के रूप में अभिनव थापर को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उन्होंने विचार रखे और कोरोना के पूरे देश मे हुये अत्यधिक बिल वापसी हेतु अपनी जनहित याचिका के माध्यम से माननीय सुप्रीम कोर्ट में चल रहे संघर्ष के बारे में मुंबई प्रवासियों को अवगत कराया । कोरोना में प्राइवेट हॉस्पिटल से Over-charge बिल-कलेक्शन अभियान – “लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है ! ” को “मुंबई कौथिग” में मंच पर प्रस्तुति हुई व मुंबई कौथिग की टीम ने इस अभिमान से जुड़ने का संकल्प लिया!
इस विषय पर अभिनव थापर व उनके साथियों द्वारा एक अभियान ” लड़ाई अभी बाकी है – हिसाब अभी बाकी है” चलाया जा रहा है जिससे लोगों को जागरूक कर, उनके बिल एकत्रित कर, उनके बिल प्रतिपूर्ति का विषय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा। कोरोना पीड़ितों से बिल एकत्रित करने के लिये उत्तराखंड में “लड़ाई अभी बाकी है हिसाब अभी बाकी है!” अभियान चलाया जिसमें मीडिया से, घर-घर पर्चों से व नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से आमजन का जनजागरण चलाया गया।
कोरोनकाल में केंद्र सरकार द्वारा जून 2020 में ” प्राइवेट हस्पतालों के कोरोना मरीजों हेतु चार्ज सुनिश्चित किया गया था ” , किन्तु फिर भी कई राज्यो के मरीजों से लाखों रुपये के बिल वसूले गये, अतः इन सबके दृष्टिगत देश में कोरोना मरीजों को प्राइवेट हस्पतालों द्वारा ” अत्यधिक ख़र्च की प्रतिपूर्ति – आमजन को प्राइवेट हस्पतालों से पैसे वापसी” के लिये देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर की भारत के 3.5 करोड़ कोरोना प्रभावितों के लिए सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली में अपनी जनहित याचिका के माध्यम से संघर्ष कर रहे है।
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याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने कहा की उत्तराखंड में 2 करोड़ रुपये व महाराष्ट्र, तेलंगाना जैसे कुछ राज्यों मे 15 करोड़ रुपये से अधिक अभी तक हजारों पीड़ित परिवारों को पैसे वापिस हो चुके है और यह पूरे देश में हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट में पूरे भारत के लगभग 3.5 करोड़ कोरोना प्रभावितों के बिल वापसी के लिये जनहित-याचिका के माध्यम से मेरे इस संघर्ष में चूंकि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है अतः आमजन के जन– जागरण के लिये ” लड़ाई अभी बाकी हिसाब है, हिसाब अभी बाकी है ” अभियान के तहत हमारी हर संभव न्यायसंगत कोशिश रहेगी कि हर नागरिक को उनसे हस्पतालों द्वारा लूटे हुए पैसे की वापसी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जा सके।
मुम्बई के कौथिग में उत्तराखंडी भोजन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों व उत्पादों का संगम देखने को मिला। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिवसेना की उपनेता महाराष्ट्र सरकार – ज्योति ठाकरे , विशिष्ट अतिथि नगरसेवक संजय पाटिल ,नगर सेवक बहादुर सिंह बिष्ट , गढ़वाल सभा ठाणे, आदि ने भी भाग लिया। विकट परिस्थितियों के बाद भी यह “कौथिग –2023”, मुंबई में आयोजन समिति के अध्यक्ष केसर सिंह बिष्ट व उनकी पूरी टीम द्वारा बहुत सफलता पूर्वक आयोजन किया गया।