PERSONALITY

‘हिमालयी समग्र विकास का मार्गदर्शी संदर्भ ग्रंथ’ है ‘THE ESSENTIAL R. S. TOLIA’

डाॅ. आर. एस. टोलिया जी का जन्मदिन पर भावपूर्व श्रद्धांजलि 

अरुण कुकसाल

‘THE ESSENTIAL R. S. TOLIA’ ग्रंथ का प्रकाशन ‘दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र’ ने मै. बिशन सिंह महेन्द्र पाल सिंह, देहरादून के साथ मिलकर वर्ष-2017 में किया। उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव और सूचना आयुक्त डाॅ. रघुनंदन सिंह टोलियाजी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर संपादित यह महाग्रंथ 908 पेज का है। बतौर प्रशासक डाॅ. टोलिया द्वारा लिखी कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें, रिपोर्टस, मोनोग्राफ्स, आलेख, नोट्स और सार्वजनिक व्याख्यान इस ग्रंथ के मुख्य हिस्से हैं। वास्तव में, इस ग्रंथ के मूल और वृहद भाग (पृष्ठ-107 से 886 तक) के लेखक डाॅ. आर.एस.टोलियाजी ही हैं। अन्य पृष्ठों में उनके व्यक्तित्व पर जानकारों के संस्मरण हैं। श्रृद्धाजंलि पत्र और फोटोग्राफ्स के बाद आखिरी पेज पर उनके द्वारा बनाये कुछ खूबसूरत रेखाचित्र हैं।

‘THE ESSENTIAL R. S. TOLIA’ का कुशल संपादन प्रो. बी. के. जोशी (निदेशक, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र), श्री एन. एस. नृपच्याल (पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखंड), श्री एस. केे. दास (पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखंड), प्रो. अजय एस. रावत (इतिहासविद्) और श्री कृष्णा रौतेला (कंसलटेंट) ने किया है। डाॅ. आर. एस. टोलिया के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रो. बी. के. जोशी, एन. एस. नृपच्याल, मधुकर गुप्ता. डाॅ. संजीव चोपड़ा, कमलकांत जैसवाल, बिनीता शाह, डाॅ. शेखर पाठक, एस. के. मुट्टू, इंदु कुमार पांडे, विभा पुरी दास, डाॅ. ए. एन. पुरोहित, डाॅ. राजेन्द्र डोभाल, उषा गोयल, अमिताभ पांडे और कुसुम रावत ने अपने विचार, अनुभव और संस्मरण उद्घाटित किये हैं।

मुख्यतया ‘THE ESSENTIAL R. S. TOLIA’ ग्रंथ डाॅ. टोलिया के बहुआयमी व्यक्तित्व के प्रशासनिक और नीतिपरख पक्षों को सामने रखता है। उनके मन-मस्तिष्क में विराजमान ‘भविष्य के उत्तराखंड’ की जो तस्वीर बन रही थी, उसका ड्राफ्ट प्लान इसमें देखा जा सकता है। संपूर्ण हिमालयी क्षेत्र की पारिस्थितिकी के अनुकूल मानवीय समाज के सर्वागींण विकास के लिए नीतिगत, क्रियान्वयन और मूल्यांकन के स्तर पर डाॅ. टोलिया की अदभुत कार्यक्षमता और दूरदर्शिता के भाव इस ग्रंथ में मौजूद है। यह भी महत्चपूर्ण है कि डाॅ. टोलिया के लेखन के कई अन्य रंग इसमें नहीं आ पाये हैं। हिमालयी समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक पक्ष पर उनके शोध-परख लेखन को उत्त्कृष्ट और प्रमाणिक संदर्भ साहित्य माना जाता है। डाॅ. टोलिया के अंर्तमन में संवेदनशील और दूरदर्शी लेखक हर समय चेतन रहता था। इसी लेखकीय अभिप्रेरणा ने डाॅ. टोलिया को हमेशा एक दूरदर्शी और संवेदनशील प्रशासनिक अधिकारी बनाये रखा।

‘THE ESSENTIAL R. S. TOLIA’ में डाॅ. टोलिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की समग्रता को प्रभावी तरीके से सार्वजनिक किया है। उत्तराखंड राज्य वर्तमान समय में प्रशासनिक शिथिलता और नीतिगत दूरदर्शिता के अभाव के दौर में है। ऐसे समय में डाॅ. टोलिया के प्रयासों और विचारों को पुनः समझने और उनसे दिशा लेने की जरूरत है। दून पुस्तकालय एवं शोध क्रेन्द, देहरादून ने डाॅ. टोलिया पर संदर्भ साहित्य प्रकाशित करके इस ओर प्रशंसनीय प्रयास किया है।

हिमालयी समाज और उसके विविध संदर्भों पर कार्य करने वाले शोधार्थियों, प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षाविदों और सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों के लिए ‘THE ESSENTIAL R. S. TOLIA’ एक बहुउपयोगी और मार्गदर्शी संदर्भ ग्रंथ है।

आज डाॅ. आर. एस. टोलियाजी का शुभ-जन्मदिन है।
उनको याद करते हुए नमन।

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