UTTARAKHAND

ड्रोन से होगा रिस्पना तथा बिंदाल नदी के किनारे बसे शहरी क्षेत्र में बाढ़ का अध्ययन

राज्य में 108 Automatic Weather Stations, 28 Rain Gauge,16 Snow Gauge, 25 Surface Field Observatory की जा चुकी है स्थापित

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के अधिकारियों एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (ISRO) के मध्य आपदा विषय के सम्बंध में सहयोग प्रदान करने हेतु बैठक में IIRS के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.अरिजीत रॉय के द्वारा देहरादून शहर के अंतर्गत ISRO द्वारा किये जाने वाले अध्यन की जानकारी दी गई। इस अध्ययन में पहली बार राज्य के किसी शहरी क्षेत्र के अंतर्गत उच्च क्षमता के ड्रोन के माध्यम से रिस्पना तथा बिंदाल नदी के किनारे बसे शहरी क्षेत्र का शहरी बाढ़ के लिए अध्ययन एवं देहरादून शहर के माइक्रो क्लाइमेट पर अध्ययन किया जाना प्रस्तावित है।

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.अरिजीत रॉय द्वारा बताया गया कि इस अध्ययन में उच्च क्षमता के ड्रोन द्वारा उच्च कोटि के रेसोल्युशन इमेज (high resolution) बनाई जाएगी तथा उन इलाकों को चिन्हित किया जाएगा जहां तेज़ बारिश होने की दशा में ब्लॉकेज होने की संभावना रहती है तथा नदी के आस पास के इलाकों के जलमग्न होने की भी सम्भावना रहती है। इस अध्य्यन के क्रियान्वयन को एक  वर्ष के अंदर किये जाने प्रस्तावित है। इस अध्ययन को पूर्ण रूप से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA)के विशेषज्ञों तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के वैज्ञानिकों द्वारा संपादित किया जाएगा।

बैठक में श्रीमती रिदिम अग्रवाल,अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी USDMA द्वारा IIRS के साथ आपदा सम्बन्धित अन्य विषयों पर सहभागिता दिए जाने हेतु समझौता ज्ञापन(MOU) किये जाने के निर्देश दिए गए। समझौता ज्ञापन को USDMA तथा IIRS के समन्वय से अंतिम रूप दिया जाएगा तथा शीघ्र ही समझौता ज्ञापन प्रतिपादित किया जाएगा। 

“श्रीमती रिदिम अग्रवाल,अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी,USDMA द्वारा बताया गया कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के समन्वय से किये जा रहे इस अध्ययन के अंतर्गत कुछ क्षेत्र वर्तमान में चिन्हित किये जा चुके एवं अन्य क्षेत्रों को चिन्हित करने का कार्य गतिमान है। USDMA द्वारा सफल आपदा प्रबंधन हेतु एवं खोज एवं बचाव के दौरान अत्याधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए IIRS के साथ MOU किया जाना प्रस्तावित है।

मौसम पूर्व चेतावनी को सुदृढ़ करने के लिए वर्तमान में राज्य में 108 Automatic Weather Stations, 28 Rain Gauge,16 Snow Gauge,25 Surface Field Observatory स्थापित की गई हैं। जिससे प्राप्त डाटा IIRS एवं अन्य मौसम सम्बन्धित शोध संस्थानों के साथ साझा किया जा रहा है जिससे हम भविष्य में होने वाली आपदाओं से होने वाली क्षति को कम कर सकते है।”

बैठक में डॉ. गिरीश जोशी,वरिष्ठ परामर्शदाता,श्री अमित शर्मा,सिस्टम एनालिस्ट ,ज्योति नेगी,आई ई सी ऑफिसर,श्री शैलेश घिल्डियाल,सहायक परामर्शदाता USDMA के कार्मिक भी उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button
Translate »