मंत्रिस्तर के मासिक मानदेय को 20 से बढ़ाकर 45 हजार रुपये
राज्यमंत्री स्तर का मानदेय 15 से बढ़ाकर 40 हजार रुपये
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून :प्रदेश सरकार एक तरफ अर्थक परेशानियों से जूझ रही है और तनख्वाह लेने के लिए कभी ओवर ड्राफ्ट तो कभी बाहर से कर्ज ने की मजबूरी से दो-चार हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार खुद ही अपने ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ा रही है ताज़ा मामला राज्य सरकार ने विभिन्न आयोगों, निगमों, परिषदों में नियुक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार व अन्य पदों पर मंत्री व राज्यमंत्री दर्जाप्राप्त दायित्वधारियों के मानदेय और भत्तों को बढ़ाने का है। प्रदेश सरकार ने मंगलवार को मंत्री स्तर पर प्राप्त दायित्वधारियों के मासिक मानदेय को 20 हजार से बढ़ाकर 45 हजार रुपये और राज्यमंत्री स्तर का मानदेय 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया है। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने दायित्वधारियों के मानदेय व अन्य सुविधाओं में वृद्धि के आदेश जारी किये हैं।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने आदेश के मुताबिक अन्य दायित्वधारियों का मानदेय 13 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये किया गया है। सरकार ने उन्हें दी जाने वाली अन्य सुविधाओं में भी इजाफा किया है। मंत्री व राज्यमंत्री स्तर के दायित्वधारियों को सरकारी वाहन नहीं मिलने की दशा में किराये का वाहन उपलब्ध कराया जाएगा। वाहन का मासिक किराया अधिकतम 60 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने आदेश के अनुसार उक्त किराये में वाहन के साथ वाहन चालक व गाड़ी का अनुरक्षण भी शामिल होगा। इससे पहले यह राशि 50 हजार रुपये थी। स्वयं का वाहन प्रयोग करने पर प्रति माह 40 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि इससे पहले सरकारी आवास उपलब्ध नहीं होने पर मंत्री स्तर के लिए 15 हजार रुपये प्रतिमाह व राज्यमंत्री स्तर के लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह आवासीय भत्ते का प्रावधान किया गया था। लेकिन अब नए आदेश के बाद मंत्री व राज्यमंत्री दर्जाधारियों को कार्यालय उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में कार्यालय सह आवास भत्ते के रूप में 25 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। सरकारी आवास प्राप्त होने की दशा में अधिकतम कार्यालय भत्ता 10 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। सरकारी कार्यालय प्राप्त होने की दशा में मंत्री व राज्यमंत्री दर्जाधारियों को 15 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा।