मीटू पीड़िता न्याय और सुरक्षा के लिए भटक रही इधर उधर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून: महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने का भाजपा सरकार का दावा तब केवल हवा-हवाई नज़र आता है जब भाजपा के संगठन महामंत्री रहे संजय कुमार पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती न्याय और सुरक्षा के लिए भटक रही है। युवती का आरोप है कि सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय में दी गई अर्जी गृह विभाग से गायब हो गई है। जबकि, पुलिस ने भी दुष्कर्म के आरोपों की जांच में मार्च अंतिम सप्ताह की जगह अपनी मर्जी से 10 मार्च की तारीख डाल दी। पीड़िता ने पूरी जांच पर सवाल उठाते हुए पुलिस महानिदेशक को दोबारा पत्र लिखा है।
भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री संजय कुमार पर आरोप लगाने वाली युवती ने मंगलवार को पुलिस द्वारा लिए गए 161 के बयानों को सार्वजनिक किया है। कहा कि पुलिस ने 161 में जो बयान दर्ज किए हैं, वह चार्जशीट में अपनी मर्जी से बदल दिए। इसमें दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध को भी पुलिस ने पीड़िता के बयानों को बदलकर अपनी मर्जी से 10 मार्च की तारीख लिख दी। इस तारीख पर आरोपित दून से बाहर थे। जबकि पीड़िता ने अपने बयानों में साफ लिखा है कि उनके साथ एक नहीं बल्कि तीन बार दुष्कर्म हुआ है। ऐसे में पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने तारीख कहां से और कैसे लिख दी है। पीड़िता ने अपने बयानों की प्रति पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में शामिल करते हुए न्याय दिलाने की मांग की। इसके अलावा पीड़िता का कहना है कि मुख्यमंत्री से सुरक्षा के लिए गुहार लगाई गई थी। मगर, मुख्यमंत्री का पत्र भी गृह विभाग से गायब हो गया। इस मामले में पीड़िता ने अब सूचना का अधिकार के तहत सूचना मांगी गई है।