तुंगनाथ और मद्मेश्वर के कपाट खुलने की तिथि हुई घोषित

- तुंगनाथ के दस मई को और 21 मई को खुलेंगे मध्यमेश्वर के कपाट
- शीतकालीन गद्दी स्थल श्रीओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में निकली तिथि
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड स्थित गौरा माई मंदिर के कपाट बैसाखी पर्व पर रविवार सुबह 9.30 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। वहीं रविवार को बैसाखी के पावन पर्व पर आज पंचांग गणना के बाद पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर और मार्कंडेय मंदिर में द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित हो गई। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 21 मई को सुबह 11 बजे और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 10 मई को दोपहर 12 बजे खुलेंगे। इधर यमुना के शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली गांव में शनि महाराज मंदिर के कपाट भी आज बैसाखी पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं ।
पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर और मार्कंडेय मंदिर में मंदिर समिति के कार्याधिकारी एमपी जमलोकी ने बताया कि 17 व 18 मई को बाबा मध्यमेश्वर ओंकारेश्वर मंदिर से बाहर आकर सभामंडप में विराजित रहेंगे। इस दौरान उन्हें नए अनाज के पकवानों का भोग लगाया जाएगा। कपाट खुलने का दिन परंपरानुसार आज बैसाखी के पावन पर्व पर श्रीमद्महेश्वर जी की शीतकालीन गद्दी स्थल श्रीओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में निश्चित हुआ। 17 मई को मद्महेश्वर भगवान ओंकारेश्वर मंदिर से बाहर आकर मंदिर सभामंडप में रहेंगे। जहां पर भगवान को ग्रामीणों द्वारा नए अनाज के पकवान का भोग लगाया जाएगा। इसे स्थानीय भाषा मे छाबड़ी पर्व कहा जाता है।
18 मई को भी भगवान मंदिर ऊखीमठ में ही अवस्थान करेंगे। 19 मई को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से रांसी गांव, 20 मई को रांसी से ग्राम गौंडार, 21 मई को गौंडार गांव से मद्महेश्वर मंदिर पहुंचेंगे। इस दिन प्रातः कर्क लग्न में भगवान श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट सभी भक्तों के लिए खोले जाएंगे। इस वर्ष पुजारी श्री बागेश लिंग होंगे।
वहीं दूसरी ओर तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि एवं मुहूर्त निकाला गया। धाम के कपाट 10 मई को दोपहर 12 बजे खोले जाएंगे। इससे पूर्व बाबा की चल विग्रह डोली आठ मई को मक्कूमठ मंदिर से बाहर आकर भूतनाथ मंदिर में विराजमान होगी। नौ मई को डोली रात्रि विश्राम के लिए चोपता पहुंचेगी और 10 मई को कर्क लग्न में मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।
इधर यमुना के मायके खरसाली गांव स्थित शनि महाराज मंदिर के कपाट भी रविवार (आज) सुबह 7.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। इस दौरान शनि महाराज की मूर्ति का यमुना नदी के जल से अभिषेक कर उनके सिंहासन को फूल मालाओं से सजाया गया। दोपहर 12.15 बजे शनिदेव के पश्वा चंडी प्रसाद उनियाल और पुजारी विशालमणी ने शनिदेव के निसाण (प्रतीक) सिरोही के साथ धर्या चौंरी शिव मंदिर परिसर पहुंचे। यहां भव्य मेले का आयोजन हुआ।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव रावल कृतेश्वर उनियाल ने बताया कि मान्यता के अनुसार इसी स्थान पर बेखल के पेड़ के नीचे शनि देव प्रकट हुए थे। इस मौके पर यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, समिति के चेयरमैन राजपाल राणा ,वेद प्रकाश, पुरुषोत्तम उनियाल, घनश्याम उनियाल, मनमोहन उनियाल, मनवीर रावत, अरविंद रावत, पवन उनियाल आदि मौजूद थे।