छह दिसंबर 2018 तक राम मंदिर का निर्माण कार्य होगा शुरू : जगद्गुरु रामभद्राचार्य

हरिद्वार : अयोध्या में 6 दिसंबर 2018 तक राम मंदिर का निर्माण कर दिया जाएगा। विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल बैठक में भाग लेने हरिद्वार पहुंचे संतों की ओर से मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने की। हालांकि उन्होंने इस बारे में कार्य योजना का ज्यादा जिक्र नहीं किया। साथ ही उन्होंने गाय और गंगा के संरक्षण के लिए भी केंद्र और राज्य सरकारों से ठोस कदम उठाने को कहा।
6 दिसंबर 2018 तक राम मंदिर का निर्माण की घोषणा का योग गुरु बाबा रामदेव, महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी, जगद्गुरु वासुदेवानंद सहित तमाम संतों ने इसका समर्थन किया।
विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल बैठक के भीतर और बाहर हर कोई यह जानने को उत्सुक नजर आ रहा था कि क्या यह बैठक राम मंदिर निर्माण को लेकर कोई कार्य योजना तय करती है। बैठक के दूसरे दिन पहले सत्र की अध्यक्षता करते हुए जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य महाराज ने तो राम मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान भी कर दिया। उन्होंने कहा कि अब धर्मावलंबी बहुत ज्यादा प्रतीक्षा नहीं करने वाले।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि छह दिसंबर को ही विवादित ढांचा गिराया गया था और अब अगले साल छह दिसंबर तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण भी हो जाएगा। उन्होंने गोमाता के संरक्षण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति की संवाहक है। गो रक्षा के लिए राज्यों से लेकर केंद्र सरकार तक प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। रामभद्राचार्य द्वारा राम मंदिर को लेकर की गई घोषणा को लेकर बैठक में भाग लेने आए विहिप कार्यकर्ताओं में उत्साह भी देखा गया।
हालांकि उन्होंने मंदिर निर्माण की कार्ययोजना का जिक्र नहीं किया। साथ ही उन्होंने गंगा की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के नाम से उत्तराखंड सरकार को भी मध्य प्रदेश की तरह गंगा जागरूकता यात्रा निकालनी चाहिए।
चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) से बैठक में भाग लेने आए मार्ग दर्शक मंडल के मुख्य सदस्य जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बैठक में प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान इसकी घोषणा की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में योग गुरु बाबा रामदेव ने रामभद्राचार्य की घोषणा का समर्थन करते हुए कहा कि राम मंदिर हिंदू आस्था का विषय है, न कि भूमि विवाद का।
उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के शिखर पुरूष की जन्म स्थली को लेकर न तो कोई विवाद है और न इसे किसी विवाद में ही उलझाया जा सकता है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि राम मंदिर अपने तय समय पर ही बनेगा।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक में गोवध पर प्रतिबंध के लिए आजीवन कारावास की सजा की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के साथ ही मठ-मंदिरों के अधिग्रहण का भी विरोध किया गया।
हरिद्वार के एक आश्रम में आयोजित बैठक के दूसरे दिन अध्यक्षता पद्मविभूषण रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि भारत में गोहत्या पूर्णरुप से प्रतिबंधित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में आज भी इसके लिए कड़े कानूनों का अभाव है।
संतों को ओर से मांग की गई कि केंद्र सरकार गोहत्या के लिए कानून बनाए। एक अन्य प्रस्ताव में संतों ने गंगा के निरंतर प्रदूषित होकर इसके जल के आचमन योग्य न रहने पर ङ्क्षचता जाहिर की। कहा गया कि पहाड़ों पर बांध बनानने से गंगाजल के अमृत तत्व कम हो रहे हैं। बांध बनाने पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई।
राज्य सरकारों द्वारा मठ मंदिरों के अधिग्रहण पर भी आक्रोश व्यक्त किया गया। संतों ने चेतावनी दी कि सरकारें ऐसा कार्य न करें। इससे पहले दिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संतों का आशीर्वाद लिया और कहा कि संतो के आशीष से ही भारत विश्व गुरु बनेगा। इससे पहले विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और संगठन महामंत्री दिनेश चंद्र ने संतों का स्वागत किया।
धर्मनगरी हरिद्वार में चल रही विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में दूसरे दिन राम मंदिर निर्माण को लेकर अहम घोषणा की गई।विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की हरिद्वार में चल रही बैठक के अलग-अलग सत्रों के मुद्दे तो अलग हैं, लेकिन पूरी बैठक पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का ही मुद्दा छाया दिखाई दे रहा है।