TEHRI-GARHWALUttarakhand

टिहरी जिले के कई गाँव जहाँ अब मेहंदी की रस्म में नहीं होती कॉकटेल पार्टी

नई टिहरी : टिहरी जिले में 54 शादियां मिसाल बनी हैं। यहां शादी बिना कॉकटेल पार्टी के हुई है। इसके लिए लोगों ने बाकायदा कार्ड छपाया था कि उनके यहां मेहंदी की रस्म में कॉकटेल नहीं होगी। गांवों में शराबबंदी के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम रंग ला रही है। पिछले दो साल से जिले के विभिन्न गांवों में 54 शादियां बिना कॉकटेल पार्टी के संपन्न हुई है। जिस परिवार में शादियां हुई हैं, उन्होंने कार्ड पर बाकायदा छपाया था कि उनके यहां मेहंदी की रस्म में कॉकटेल नहीं होगी।

एक तरफ जहां छोटे- छोटे कस्बों में भी शराब की दुकानें खुल रही हैं वहीं इससे युवा पीढ़ी पर पड़ रहे दुष्प्रभाव और आर्थिक नुकसान को देखते हुए गांवों में इसके विरोध में भी लोग उठ खड़े हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्र विकास समिति के सहयोग से महिला मंगलदलों ने वर्ष 2014 से गांव-गांव में मुहिम चलाई और अभी तक जिले के विभिन्न गांवों में 54 शादियां बिना कॉकटेल की संपन्न हुई है जो अपने आप में मिसाल है। इनमें से कई गांव ऐसे हैं जहां तीन-तीन शादियां बिना कॉकटेल के संपन्न हो चुकी हैं।

जड़धार गांव के विजय सिं, दयूरी गांव की सुचिता सुयाल, चौपड़ियाल गांव की पूजा, छोल गांव के लक्ष्मण, पाटा की बबीता, चुरेड़धार की प्रियंका, बटखेम की पूजा की शादी बिना कॉकटेल के संपन्न हुई। महिला मंगल दल दयूरी की अध्यक्ष रेखा देवी, जड़धार गांव की ममंद अध्यक्ष चमनी देवी व पाटा निवासी जशोदा देवी ने बताया कि उनकी मुहिम जारी रहेगी।

टिहरी जिले के जिन  गांवों में अब नहीं होती कॉकटेल पार्टी उनमें जौल, ढरसाल गांव, पाटा, बटखेम, जड़धार गांव, बंगोली, तुंगोली, वीड, छोलगांव, पिपोला, गुनोगी, सनगांव, चौपडिय़ाली, कोटी, साबली, जड़धार गांव, नैल, दयूरी तल्ली, दिखोल गांव, कोट।

राड्स अध्यक्ष सुशील बहुगुणा ने बताया कि जो वर-वधू उनकी मुहिम के तहत कॉकटेल का विरोध कर रहे हैं। उन्हें जल्द ही सार्वजनिक कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। साथ ही इन जोड़ों के बच्चों के पहली क्लास में दाखिले के दौरान वह स्कूल की यूनिफार्म, किताबें और अन्य सामग्री भी अपनी तरफ से देंगे। उनका मकसद है कि युवा किसी न किसी तरह उनकी मुहिम से जुड़ें।

devbhoomimedia

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