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विधानसभा सत्र : विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा

  • प्रकाश पंत ने आइना दिखाया तो भड़क उठे विपक्ष के सदस्य
  • देवभूमि में अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं :पंत 
  • एक जनवरी से 31 अगस्त तक राज्य में 5821 अपराध हुए पंजीकृत 
  • जबकि पिछले पांच सालों में हुए 3774 मामले पंजीकृत 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों को लेकर विपक्ष ने गुरुवार को सरकार को घेरा। विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन नियम 58 में चर्चा के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। आमजन में भय का माहौल है। हालांकि, सरकार की ओर से पिछली कांग्रेस सरकार के पांच साल में हुए अपराधों और इस साल जनवरी से अगस्त तक के आंकड़ों से आइना दिखाने का प्रयास किया गया तो विपक्षी सदस्य भड़क उठे। उन्होंने हंगामा किया और सत्तापक्ष व विपक्ष के मध्य नोकझोंक भी हुई।

गुरुवार को सदन की कार्रवाई प्रारंभ होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृद्येश समेत विपक्ष के अन्य सदस्यों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर नियम 310 (सभी कार्य रोककर चर्चा करना) के तहत चर्चा की मांग की। इस पर पीठ ने व्यवस्था दी कि इसे नियम 58 की ग्राह्यता पर सुना जाएगा। भोजनावकाश के बाद इस विषय पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ.हृद्येश ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चौपट है और अपराधियों में कोई भय नहीं है। महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं हैं। हत्या, लूटपाट, डकैती, दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों में बढ़ोत्तरी से हर कोई चिंतित है। सरकार इसे गंभीरता से ले।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार के भय न भ्रष्टाचार, महंगाई, किसानों की ऋण माफी से संबंधित नारे केवल जुमलेभर बनकर रह गए हैं। उन्होंने इस साल जनवरी से 31 अगस्त के अपराधों के आंकड़े पेश कर सरकार की घेराबंदी की कोशिश की। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि आपराधिक घटनाएं सरकार के लिए आंख खोलने वाली हैं। इस ज्वलंत मामले पर पक्ष-विपक्ष को एकजुट होना होगा। विधायक ममता राकेश और आदेश सिंह चौहान ने भी चर्चा में भाग लिया।

चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने जब पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल और इस साल जनवरी से अगस्त तक के अपराधों के आंकड़े रखकर आइना दिखाया तो विपक्ष के सदस्य भड़क उठे। विधायक प्रीतम सिंह, मनोज रावत समेत अन्य विपक्षी विधायक सीट पर खड़े हो गए और आरोप लगाया कि सरकार इस मामले को दूसरी तरफ मोड़ने का प्रयास कर रही है। इसी बीच विधायक मनोज रावत सोशल मीडिया पर भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल के वायरल हुए वीडियो का उल्लेख किया तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आपस में उलझ गए और उनमें तीखी नोकझोंक हो गई। कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने किसी तरह मामला संभालते हुए सदस्यों को शांत कराया।

कैबिनेट मंत्री पंत ने कहा कि देवभूमि में अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं है। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह उसके पास आने वाले प्रत्येक मामले को दर्ज करे। नतीजतन मामले दर्ज हो रहे हैं। एक जनवरी से 31 अगस्त तक राज्य में 5821 अपराध पंजीकृत हुए, जबकि पिछले पांच सालों में 3774। उन्होंने कहा कि इस साल हुई आपराधिक घटनाओं में 80 फीसद का खुलासा कर दिया गया है। नशे के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की गई है। गुंडा एक्ट में 630 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस का मनोबल ऊंचा करते हुए अपराधियों पर नकेल कसने को कदम उठाए जाएंगे। सुझावों को स्वीकार करते हुए कहा कि पुलिस को निर्देश दिए जा रहे हैं कि सघन घनत्व वाले क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। विधायकों को इसके लिए विधायक निधि से राशि देनी चाहिए।

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