UTTARAKHAND
तपोवन त्रासदी : ऋषिगंगा झील के मुहाने को ITBP और SDRF ने खोला

तपोवन त्रासदी के 21 दिन बाद 205 लापता लोगों में से अब तक 72 शव मिले
ऋषिगंगा में बनी झील के जल स्तर में लगभग 5 फीट तक की आई कमी

देहरादून: ITBP और SDRF के जांबाज़ सैनिकों ने ऋषिगंगा नदी पर बनी झील जिसके टूटने से फिर एक बार और ख़तरा हो सकता था के मुहाने जहां पर बड़े-बड़े पेड़ और चट्टानों ने ऋषिगंगा का जल प्रवाह रोका हुआ था के मुहाने के अधिकाँश भाग को खोल दिया है। इसके बाद अब ऋषिगंगा में बनी झील से पानी का प्रवाह खुल गया है। जिससे काफी हद तक ख़तरा अब टल गया है। इधर तपोवन त्रासदी के 21 दिन बाद 205 लापता लोगों में से अब तक 72 शव मिल चुके हैं, जिनमें से अब तक 41 की शिनाख्त हो चुकी है,जबकि 133 अभी भी लापता हैं।
गौरतलब हो कि सात फ़रवरी को सुबह रौंठी गाड़ गधेरे में भूस्खलन के बाद हिमनद के साथ टूटकर आए पेड़ों और मलबे ने ऋषिगंगा का जल प्रवाह कुछ समय के लिए रोक दिया था। जिसके बाद उपग्रह से मिली तस्वीरों से पुष्टि हुई थी कि ऋषिगंगा नदी क्षेत्र में एक झील बनी हुई है, राज्य सरकार ने एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर के नेतृत्व में एक टीम को वहां सर्वेक्षण के लिए भेजा था। एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने झील का मौक़ा मुआयना कर वीडियो बनाया और बताया कि इस झील का पानी बिल्कुल साफ है लेकिन मुहाने से कम पानी डिस्चार्ज हो रहा है।
उन्होंने बताया कि हालांकि इससे कोई ख़तरा तो नहीं लेकिन मुहाने को यदि और खोला जाता है तो भविष्य के खतरे को और किया जा सकता है। उनकी इस सलाह के बाद SDRF और ITBP के जाबाज़ जवानों ने उस इलाके के ऊपरी स्थान पर एक अस्थायी हेलीपैड का निर्माण किया जिसके बाद यहाँ SDRF और ITBP के सैनिकों को उतरा जा सका जो झील मुहाने को और खोलने के प्रयास में लगे और उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली है। Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.