Uttarakhand

उपनलकर्मियों की हड़ताल से लड़खड़ाई सरकारी व्यवस्था !

  • 24 हजार कर्मचारी  वेतन वृद्धि की मांग को लेकर दो दिन की हड़ताल पर
  • उपनल कर्मचारियों की हड़ताल से पूरा सरकारी सिस्टम पटरी से उतरा 

देहरादून : उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) महासंघ के लगभग 24 हजार कर्मचारी  वेतन वृद्धि की मांग को लेकर दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं।  कार्य बहिष्कार  के साथ-साथ उपनल कर्मचारी राज्य के लगभग हर जिले के कार्यालयों में बंदी कर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेशभर में 24 हजार उपनल कर्मचारियों की हड़ताल से पूरा सरकारी सिस्टम गड़बड़ा गया है। इन कर्मचारियों की हड़ताल से जहाँ सरकारी अस्पतालों में काम प्रभावित हुआ है वहीँ कई दफ्तरों में सन्नाटा और कई अधिकारियों के वाहनों के पहिये थम गए हैं 

गौरतलब हो कि प्रदेश में उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के द्वारा करीब 24 हजार कर्मचारी आउट सोर्सिंग व्यवस्था के तहत विभिन्न विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। इसमें हर तरह के कर्मचारी शामिल हैं। वेतन वृद्धि की मांग को लेकर कर्मचारी सोमवार और मंगलवार को हड़ताल पर चले गए हैं। राज्य में इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला है। उपनल कर्मचारियों की हड़ताल के कारण मरीज मुश्किल में हैं। दून मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों को कई स्तर पर परेशानी झेलनी पड़ी। सुबह काफी देर रजिस्ट्रेशन काउंटर ठप रहा। मरीजों की परेशानी को देखते हुए रजिस्ट्रेशन काउंटर पर स्थाई स्टाफ तैनात किया गया।

मरीजों को हस्तलिखित पर्चे दिए गए। वक्त ज्यादा लगने से मरीजों को कई घंटे लाइन में लगना पड़ रहा है। अस्पताल में बिलिंग भी बंद है। सिर्फ भर्ती मरीज और इमरजेंसी मामलों के लिए एक कर्मचारी बैठाया गया है। ओपीडी मरीज बिलिंग न होने से जांच तक नहीं करा पा रहे हैं। यही हाल एमएसबीवाई काउंटर का है। यहां आमतौर पर तीन उपनल कर्मी तैनात रहते हैं, लेकिन वह भी आज हड़ताल पर हैं। उधर, सचिवालय में अधिकारियों की कारें भी खड़ी रहीं। उपनल कर्मियों में चालक भी शामिल हैं। इससे पूर्व रविवार को पत्रकार वार्ता में महासंघ के अध्यक्ष दीपक चौहान ने कहा कि उपनल कर्मी इस समय राजकीय विभागों, निगमों, उपक्रमों, जल संस्थान, निकायों, जिला पंचायत, विकास प्राधिकरण समेत केंद्र पोषित योजनाओं आदि में सेवाएं दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि राजकीय व निगम कर्मियों को पहले ही सातवें वेतन का लाभ दिया जा चुका है पर उपनल कर्मियों के हित में कोई फैसला नहीं हो रहा। चौहान ने बताया सीएम को भेजे मांग पत्र में समान कार्य का समान वेतन या न्यूनतम 21 हजार रुपये वेतन, राजकीय विभागों में असृजित पदों पर कार्यरत उपनल कर्मियों के लिए पद सृजन व चतुर्थ श्रेणी के मृत पद, जिन पर उपनल कर्मचारी कार्यरत हैं, उनको पुनर्जीवित करने की मांग की है। साथ ही कार्यरत उपनल कर्मियों के सुरक्षित भविष्य को नियमावली बनाने की भी मांग की गई है। दूसरी ओर, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी में जिला मुख्यालय पर उपनल कर्मचारी धरना दे रहे हैं।

समान पद समान वेतनमान लागू करने हेतु सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद आज तक इस ओर शासन कोई कदम नहीं उठा रहा है।  इस  दो दिवसीय हड़ताल के बाद 15 दिन तक मांगों का समाधान नहीं किया गया तो इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल आरंभ कर दी जायेगी। वहीं दूसरी ओर उपनल कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभिन्न विभागों में कामकाज प्रभावित रहा और चिकित्सालयों में भी इस हड़ताल का व्यापक असर दिखाई दिया। उपनलकर्मी परेड ग्राउंड स्थित स्थित धरना स्थल में प्रदेश अध्यक्ष दीपक सिंह चौहान के नेतृत्व में कर्मचारी इकटठा हुए और वहां पर उन्होंने अपनी मांगों के समाधान के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। उन्होंने कहा कि दून के अंतर्गत कार्यरत स्वास्थ्य, परिवहन, वन, नगर निगम, जल संस्थान एवं राजकीय विश्वविद्यालयों के समस्त उपनल संविदा कर्मचारी एकजुट होंगें। उनका कहना है कि विगत तीन माह से लगातार सरकार से वार्ता और पत्राचार किया जा रहा है जिसमें उपनल संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अपनी मांगों से उन्हें बार बार अवगत कराया गया किन्तु आज तक उनके भविष्य को लेकर न तो कोई नीति निर्धारित की गई और न ही उन्हें काम के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है।

एक ओर नियमित कर्मचारियों को जहां सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जा रहा हे और वहीं दूसरी ओर उपनल के कार्मिकों के वेतन बढोत्तरी को लेकर सरकार बजट की कमी का रोना रोती है। उपनल के माध्यम से लगभग 24 हजार कार्मिक कार्यरत है जो लगातार अपनी निष्ठा व लगन के साथ सेवायें दे रहे है। राजकीय एवं निगम कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है लेकिन अभी तक उपनल कार्मिकों में हताशा व निराशा है। प्रदेश में कार्यरत उपनल कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य हेतु कोई नियमावली बनाई जाये तथा जब तक नियमावली नहीं बनाई जाती है तब तक किसी भी कर्मचारी को न हटाये जाने का शासनादेश निर्गत किया जायेगा। समाधान न होने पर अनिश्चितकालीन प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाया जायेगा। धरना एवं प्रदर्शन में संरक्षक भावेश जगूडी, महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक सिंह चौहान, विद्या सागर धस्माना, हरीश कोठारी, राकेश जोशी, नरेश शाह, हेमंत रावत, अभिनव जोशी, रमेश सिंह रावत सहित प्रदेश भर से आये हुए उपनल कर्मचारी मौजूद थे।

devbhoomimedia

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