UTTARAKHAND

स्वामी शिवानंद ने महाकुंभ को बताया इतिहास का कलंकित कुंभ

जो लोग इतनी श्रद्धा भाव से हरिद्वार महाकुंभ में आना चाहते थे, उन्हें कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट होने के बावजूद भी लौटाया गया : स्वामी शिवानंद 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

हरिद्वार । गंगा की अविरलता और निर्मलता की लड़ाई लड़ने वाली संस्था मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने महाकुंभ को इतिहास का कलंकित कुंभ बताया है। उनका कहना है कि जिस राज्य में अधर्म का बोलबाला होता है, वहां पर धर्म के कार्य करने में काफी कठिनाई आती है। जिसका परिणाम आप इस समय देख रहे हैं कि किस तरह कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने कुंभ मेला प्रशासन व पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि शाही स्नान के दौरान वीआईपी और वीवीआईपी का कुंभ मेला क्षेत्र में आना बिल्कुल प्रतिबंध है। बावजूद इसके उन्हें प्रवेश दिया गया। साथ ही जो लोग इतनी श्रद्धा भाव से हरिद्वार महाकुंभ में आना चाहते थे, उन्हें कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट होने के बावजूद भी लौटाया गया। जोकि किसी अधर्म से कम नहीं है। स्वामी शिवानंद ने कहा कि जिन दिनों कुंभ का योग नहीं था, उन दिनों तो शाही स्नान हुए. जिसमें सभी महात्माओं और श्रद्धालुओं को गंगा में स्नान करने की अनुमति दी गई। जिस दिन यानी 14 अप्रैल से 14 मई कुंभ योग बन रहे हैं। उसमें सन्यासी अखाड़े स्नान नहीं कर रहे हैं। वहीं, कुंभ मेला पुलिस पर बोलते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि 13 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रण करने के लिए डीआईजी खुद सड़कों पर उतर गए। इतनी फोर्स के बावजूद आखिर उन्हें यह सब क्यों करना पड़ा है वही जानें. शाही स्नानों के दौरान कुंभ मेला पुलिस का उद्देश्य मां गंगा में स्नान कराना नहीं, बल्कि हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को मां गंगा तक पहुंचने से कैसे रोकना है।

कुंभ समापन की घोषणा से बैरागी संत नाराज !

हरिद्वार । कुंभ समापन की घोषणा से बैरागी संत नाराज हो गए हैं। जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा कर दी है कि कुंभ अपनी तय अवधि तक चलेगा। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार कुंभ में पहुंचे निरंजनी और आनंद अखाड़े के 17 अप्रैल को कुंभ समापन की घोषणा के बाद अब संतों के बीच गतिरोध पैदा हो गया है।
एक ओर कुंभ समापन की घोषणा से बैरागी संत नाराज हो गए हैं तो वहीं दूसरी ओर जगद्गुरु शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा कर दी है कि कुंभ अपनी तय अवधि तक चलेगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि कुंभ किसी संस्था या अखाड़ा का नहीं है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने घोषणा की कि कुंभ ज्योतिष है और अपनी अवधि तक चलेगा। कोरोना नियमों का पालन करते हुए शंकराचार्य छावनी लगी रहेगी। निरंजनी अखाड़े द्वारा कुंभ समापन की घोषणा से बैरागी संत नाराज हो गए हैं। निर्मोही, निर्वाणी और दिगम्बर अखाड़े ने निरंजनी और आनंद अखाड़े के संतों से माफी की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेला समापन का अधिकार केवल मुख्यमंत्री और मेला प्रशासन को है। घोषणा करने वाले संत माफी नहीं मांगते तो वह अखाड़ा परिषद के साथ नहीं रह सकते। कहा कि उनका मेला जारी रहेगा और 27 अप्रैल को सभी बैरागी संत शाही स्नान करेंगे।

कुंभ में कोरोना को लेकर हालात बदतर

हरिद्वार । उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। हालात ये हैं कि पिछले दो सप्ताह से राज्य में हर डेढ़ मिनट में एक संक्रमित मिल रहा है। वहीं कुंभ के कारण कोरोना संक्रमण के हालात और बदतर होने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। कोरोना आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे सोशल डवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार 1 से 14 अप्रैल तक प्रदेश में 13613 संक्रमित मिले हैं। यानी प्रदेश में हर डेढ़ मिनट में एक संक्रमित मिल रहा है। यह बेहद चिंताजनक है। लोगों को मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान देना होगा। बीते वर्ष मार्च में कोरोना ने प्रदेश में दस्तक दी थी। शुरूआत में लॉकडाउन के चलते संक्रमण की दर धीमी रही। लेकिन सितंबर ऐसा रहा, जिसमें कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मरीज मिले। वो ही स्थिति अब इस साल अप्रैल में बन रही है। तीन दिनों से एक ही दिन में 1900 से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं। जबकि तीन दिन में 35 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ा है।

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