कोई भी भूखा न सोये सभी को भोजन प्राप्त हो : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
देवभूमि मीडिया ब्यूरो। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने विश्व भूख दिवस की पूर्व संध्या पर कहा कि भारत की जनता ने कोरोना महामारी के कारण केवल रोजगार ही नहीं खोया है बल्कि अनेकों ने अपनों को खोया है, अपने अधिकारों को खोया है और बहुत कुछ खोया है इस दौर में, परन्तु अब फिर से खड़ा होने के लिये जनसमुदाय को सरकार और समाज के सहयोग और समर्थन का जरूरत है। सभी को मिलकर गरीब लोगों की भूख को मिटाने और जीवन को बचाने के लिये आगे आना होगा।
कोविड-19 केे इस दौर में भारत के गांवों और शहरों में गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी और कुपोषण की स्थिति में अप्रत्यशित वृद्धि हुई है। वर्तमान समय में भूख की समस्या से निपटने के लिये भोजन की बर्बादी पर विशेष ध्यान देना होगा। हिंदू धर्मशास्त्रों में तो अन्न को देवता कहा गया है।
भारत इस समय कोविड-19 और ब्लेक फंगस से जंग लड़ रहा है, ऐसे में अनेक लोगों के पास न तो रोजगार है, न रोेजगार के नये अवसर है और न तलाशना सम्भव है। कई बार खाद्य सहायता भी अन्तिम सिरे पर खड़े व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाती। पूज्य स्वामी जी ने देशवासियो का आह्वान करते हुये कहा कि जो समृद्ध और सामर्थ्यवान लोग है वे आगे आयें ताकि हमारे देश में कोई भी भूखा न सोयेय सभी को भोजन प्राप्त हो सकें।